कुचामनसिटी: केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन योजना की घोषणा के बाद से ही कर्मचारी वर्ग ओल्ड पेंशन स्कीम बंद होने से आशंकित है. इसी को लेकर शुक्रवार को डीडवाना जिला मुख्यालय पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वान पर जिलेभर के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने पहले आम सभा करके सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम से छेड़छाड़ करने पर खमियाजा भुगतने की चेतावनी दी. बाद में मिर्धा स्टेडियम से बांगड़ हॉस्पिटल चौराहे तक रैली निकाली. इस रैली में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए, जो नारेबाजी करते हुए और अपने हाथों में बैनर व तख्तियां लेकर चल रहे थे. खास बात यह रही कि इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल हुई.
रैली के बाद कर्मचारी जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, उन्होंने वहां भी विरोध प्रदर्शन किया. बाद में जिला कलेक्टर पुखराज सेन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. शिक्षक नेता जवाहर चौधरी ने बताया कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने राजस्थान में कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन योजना लागू की थी, जिसे राज्य सरकार बंद करना चाहती है.
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केंद्र की मोदी सरकार ने भी इसीलिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की है, जो ओपीएस बंद करने की दिशा में उठाया गया कदम है. कर्मचारियों ने कहा कि कर्मचारी सरकारी सेवा में अपना पूरा जीवनकाल बीता देता है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन उसका हक है, लेकिन सरकार कर्मचारियों को उनका हक नहीं देकर उनके साथ कुठाराघात कर रही है. कर्मचारियों ने कहा कि विधायकों और सांसदों को भी उम्रभर पेंशन दी जा रही है. दूसरी ओर कर्मचारियाें की पेंशन बंद की जा रही है, जो सरकार के दोहरे रवैये को उजागर करता है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि ओल्ड पेंशन स्कीम से छेड़छाड़ की गई तो पूरे राजस्थान का कर्मचारी वर्ग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगा.