लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर लोग सड़कों पर हैं. भीषण गर्मी के चलते लोगों को विद्युत उपकेंद्रों पर धरना प्रदर्शन करना पड़ा है. बावजूद कर्मचारी बिजली सप्लाई करने में अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. बिजली कर्मचारियों के बहानेबाजी से नाराज लोग बिजलीघरों में तोड़फोड़ तक करने पर आमादा हो रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा यूपी में बिजली सप्लाई "ऑल इज वेल" का दावा कर रहे हैं.
चर्चा में ऊर्जा मंत्री की पोस्ट : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां के लोग बिजली संकट से आजिज न हों. हर तरफ बिजली की समस्या से लोग हलकान हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को सब कुछ दुरुस्त लग रहा है. उनका कहना है कि बिजली संकट नहीं है. बिजली आपूर्ति रिकॉर्ड स्तर पर की जा रही है. आज से पहले इतनी बिजली आपूर्ति की ही नहीं गई.
ऊर्जा मंत्री की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट चर्चा में आ गई है. ऊर्जा मंत्री ने लिखा है कि प्रचंड गर्मी के कारण इस समय उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. साथ ही इतनी बिजली आपूर्ति कभी हुई ही नहीं है. सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए कल रात हमने 29 हजार 282 मेगावाट की ऐतिहासिक आपूर्ति की है. यह एक चुनौती पूर्ण समय है. बिजलीकर्मी दिन-रात आपकी सेवा में लगे हैं. आपका सहयोग और बिजली का संयमपूर्ण उपयोग आवश्यक है.
पोस्ट पर ही उपभोक्ता सुना रहे खरी खोटी : ऊर्जा मंत्री की इस पोस्ट पर उपभोक्ताओं ने खरी खोटी सुनानी शुरू कर दी है. पंकज लिखते हैं कि राजधानी के ऐसे हाल हैं भैया तो अन्य जनपदों के कैसे हाल होंगे? सड़क पर लोग ऊर्जा मंत्री और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. सड़क जाम की जा रही है, लेकिन बिजली व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. मंत्री जी कह रहे हैं सब कुछ सही है. मनोज कुमार लिखते हैं आपके इन आंकड़ों का कोई मतलब नहीं.
जब आप 10 घंटे भी सुचारु रूप से बिजली न उपलब्ध करा पाएं तो फिर क्या मतलब? औसान सिंह यादव लिखते हैं बिजली की हालत बहुत ही गंभीर है. मैनपुरी में बड़ा बिजली संकट है. अधिकारी फोन करने पर अभद्र व्यवहार करते हैं. हरीश बत्रा लिखते हैं कि माफी चाहूंगा सर आप झूठ कह रहे हैं, क्योंकि कल रात भर लाइट नहीं रही. सुबह पांच बजे आई और फिर नौ बजे चली गई. न जाने आप किस प्रदेश की बात करते हैं. मथुरा जिले का तो यही हाल है.
इन इलाकों में समस्या बरकरार : ऊर्जा मंत्री के दावे कुछ भी हों, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. लखनऊ में ही बिजली व्यवस्था चौपट है. उपकेंद्रों के उपकरण दगा दे रहे हैं. ट्रांसफार्मर फुंकने, ब्रेकडाउन होने के बाद फाल्ट ढूंढने में बिजलीकर्मियों को घंटों लग रहे हैं. लखनऊ के राजाजीपुरम इलाके के पाल तिराहा उपकेंद्र से पोषित होने वाले तमाम इलाकों में रातभर बिजली के लिए हाहाकार मचा रहा.
इससे परेशान होकर उपभोक्ताओं ने देर रात बी बिजलीघर घेर लिया. सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ता जब उपकेंद्र पहुंचे, तो अधिकारी कर्मचारी घबरा गए. आननफानन पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल ने मोर्चा संभाला. उपकेंद्र का अंदर से दरवाजा लॉक किया.
पुलिस के हस्तक्षेप से भड़के लोग : बिजली उपकेंद्र पहुंचे लोगों का आरोप था कि बिजली कर्मचारी ठीक से बात नहीं करते. इसके बावजूद ऐतराज जताने पर पुलिस हस्तक्षेप करती है. राजाजीपुरम इलाके में तड़के सुबह बामुश्किल बिजली आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन सुबह से फिर से बिजली गुल हो गई. अब फिर लोग गुस्से में हैं.
यही हाल ऐशबाग इलाके का भी है. यहां पर ब्रेकडाउन खोजने में अधिकारियों को पसीने आ रहे हैं. इससे क्षेत्र में कई घंटे तक बिजली संकट बना रहा. बांसमंडी इलाके में बिजली आपूर्ति चौपट रही. यहां पर भी लोगों को कई घंटे गर्मी में पसीना बहाना पड़ा. बिजली ठप होने से जलापूर्ति भी प्रभावित हो रही है. कई इलाकों में लोगों को पेयजल संकट भी जूझना पड़ रहा है.
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