शिमला: हिमाचल में चार जून को घोषित हुए चुनाव के नतीजों के बाद आज चुनाव आचार संहिता खत्म हो जाएगी. इससे प्रदेश में अब 81 दिन बाद विकास कार्य पटरी पर दौड़ने शुरू हो जाएंगे. देश में लोकसभा चुनाव सहित प्रदेश में विधानसभा की छह सीटों पर 16 मार्च को उपचुनाव की घोषणा के बाद करीब 3 महीने तक विकास कार्यों की रफ्तार थमी रही.
प्रदेश लगी आचार संहिता के दौरान में किसी भी विकास कार्यों के लिए विभागों को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ती थी. जिसमें काफी लंबा समय लग जाता था, लेकिन अब चुनाव आचार संहिता हटने से प्रदेश भर में विकास कार्य गति पकड़ेंगे. वहीं, अब सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का भी लोगों को लाभ मिलेगा. इसमें महिलाओं को हर महीने 1500 मासिक पेंशन की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना प्रमुख है. सरकार ने जून महीने से प्रदेश की हर पत्र महिला के खाते में दो महीने की पेंशन एक मुश्त डालने का भरोसा दिया है.
विभागों में भरे जाएंगे अब खाली पद
चुनाव आचार संहिता होते ही अब सरकार रुके हुए कामों पर ध्यान देगी. इसके लिए मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक भी बुला सकते हैं. आचार संहिता के कारण हिमाचल में सरकारी विभागों में भर्तियां रुक गई थी. वहीं, अन्य विकास कार्यों पर भी ब्रेक लग गई थी. आचार संहिता की वजह से शिक्षा विभाग में जेबीटी और टीजीटी की बैचवाइज भर्ती फंसी पड़ी है. आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्तियां लंबित हैं. इसी तरह वेटरनरी फार्मासिस्ट में भी नियुक्तियां होनी हैं.
शिक्षा विभाग में प्री नर्सरी टीचर्स का मामला कैबिनेट से पास होगा. वहीं, वन मित्र भर्ती को लेकर सरकार कोर्ट में लड़ रही है। चुनाव आचार संहिता के कारण दो साल की अनुबंध अवधि पूरी कर चुके कांटेक्ट कर्मचारी भी रेगुलर नहीं हो पाए हैं। ऐसे में आचार संहिता के बाद अब बेरोजगारों को अब रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसी तरह से 2 साल की अनुबंध की अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों का रेगुलर होने का भी इंतजार अब खत्म होगा.
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