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मीठी ईद पर इंदौर में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब, शहर काजी को बग्गी में बिठाकर ले गया हिंदू परिवार - Indore Ganga Jamuni culture

देशभर में आज ईद का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में इंदौर में ईद के मौके पर गंगा-जमुनी तहजीब देखने मिली. जहां एक हिंदू परिवार शहर काजी को बग्गी में बिठाकर ईदगाह ले जाता है.

INDORE GANGA JAMUNI CULTURE
मीठी ईद पर इंदौर में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब, शहर काजी को बग्गी में बिठाकर ले गया हिंदू परिवार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 11, 2024, 3:49 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 5:42 PM IST

मीठी ईद पर इंदौर में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब

इंदौर। देश भर में आज ईद जहां पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. वहीं इंदौर में भी गंगा-जमुना तहजीब के साथ ईद की नमाज अदा की गई. यहां की नमाज इसलिए भी खास है, क्योंकि नमाज के मौके पर हर साल यहां गंगा जमुनी तहजीब नजर आती है. जहां एक हिंदू परिवार अपनी सजी-धजी बग्गी में शहर काजी को बिठाकर नमाज अदा करने लेकर जाता है. इतना ही नहीं यह परिवार नमाज के बाद सभी को मुबारकबाद देकर शहर काजी को बाकायदा उनके घर भी छोड़ता है.

सालों से निभा रहे सलवाडिया परिवार ये परंपरा

दरअसल, इंदौर में हर साल ईद के मौके पर हिंदू परिवार शहर काजी को बग्गी में बिठाकर ईद की नमाज अदा कराने ले जाता है. इसके बाद ईद की नमाज और सभी को मुबारकबाद देकर शहर काजी डॉ इशरत अली को उनके घर तक सकुशल पहुंचाते हैं. शहर के सलवाडिया परिवार के लिए यह पीढ़ी दर पीढ़ी की परंपरा बन चुका है. ईद उल फितर के मौके पर सांप्रदायिक सद्भाव की यह अनूठी परंपरा आज भी जारी है. इस परंपरा की शुरुआत सांप्रदायिक सद्भाव के लिए स्वर्गीय रामचंद्र सलवाडिया ने की थी, जो आज भी बदस्तूर जारी है.

मुसलमानों ने किया यहूदियों के उत्पादों का बहिष्कार

यहूदी और इस्लामी देश के बीच चल रहे तनाव के दरमियान ईद के मौके पर शहर काजी डॉ इशरत अली ने भी यहूदी मुल्क के सामान का बहिष्कार करने का आह्वान सभी मुस्लिम बंधुओं से किया. उन्होंने मुस्लिम आवाम से यहूदियों के समान को ना खरीदने और हिंदुस्तानी समान ही खरीदे की अपील की. इसके अलावा उन्होंने सभी युवाओं को नशे से दूर रहने की हिदायत दी.

यहां पढ़ें...

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दंगों के दौरान भी हिंदू परिवार ने नहीं छोड़ा शहर काजी का साथ

1990 से पहले हुए दंगों के बाद इंदौर में जब दोनों ही संप्रदाय के लोगों के बीच खासा तनाव था. तब भी शहर के सलवाडिया परिवार ने शहर काजी इशरत अली खान को अपनी बग्गी में बिठाकर सदर बाजार पहुंचाया था और नमाज अदा होने के बाद बग्गी से ही राजमोला घर तक छोड़ा गया था.

मीठी ईद पर इंदौर में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब

इंदौर। देश भर में आज ईद जहां पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. वहीं इंदौर में भी गंगा-जमुना तहजीब के साथ ईद की नमाज अदा की गई. यहां की नमाज इसलिए भी खास है, क्योंकि नमाज के मौके पर हर साल यहां गंगा जमुनी तहजीब नजर आती है. जहां एक हिंदू परिवार अपनी सजी-धजी बग्गी में शहर काजी को बिठाकर नमाज अदा करने लेकर जाता है. इतना ही नहीं यह परिवार नमाज के बाद सभी को मुबारकबाद देकर शहर काजी को बाकायदा उनके घर भी छोड़ता है.

सालों से निभा रहे सलवाडिया परिवार ये परंपरा

दरअसल, इंदौर में हर साल ईद के मौके पर हिंदू परिवार शहर काजी को बग्गी में बिठाकर ईद की नमाज अदा कराने ले जाता है. इसके बाद ईद की नमाज और सभी को मुबारकबाद देकर शहर काजी डॉ इशरत अली को उनके घर तक सकुशल पहुंचाते हैं. शहर के सलवाडिया परिवार के लिए यह पीढ़ी दर पीढ़ी की परंपरा बन चुका है. ईद उल फितर के मौके पर सांप्रदायिक सद्भाव की यह अनूठी परंपरा आज भी जारी है. इस परंपरा की शुरुआत सांप्रदायिक सद्भाव के लिए स्वर्गीय रामचंद्र सलवाडिया ने की थी, जो आज भी बदस्तूर जारी है.

मुसलमानों ने किया यहूदियों के उत्पादों का बहिष्कार

यहूदी और इस्लामी देश के बीच चल रहे तनाव के दरमियान ईद के मौके पर शहर काजी डॉ इशरत अली ने भी यहूदी मुल्क के सामान का बहिष्कार करने का आह्वान सभी मुस्लिम बंधुओं से किया. उन्होंने मुस्लिम आवाम से यहूदियों के समान को ना खरीदने और हिंदुस्तानी समान ही खरीदे की अपील की. इसके अलावा उन्होंने सभी युवाओं को नशे से दूर रहने की हिदायत दी.

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दंगों के दौरान भी हिंदू परिवार ने नहीं छोड़ा शहर काजी का साथ

1990 से पहले हुए दंगों के बाद इंदौर में जब दोनों ही संप्रदाय के लोगों के बीच खासा तनाव था. तब भी शहर के सलवाडिया परिवार ने शहर काजी इशरत अली खान को अपनी बग्गी में बिठाकर सदर बाजार पहुंचाया था और नमाज अदा होने के बाद बग्गी से ही राजमोला घर तक छोड़ा गया था.

Last Updated : Apr 11, 2024, 5:42 PM IST
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