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सीएम हेमंत पर ईडी का शिकंजा! 10वें समन के विरोध में सड़क पर उतरा झामुमो, सहयोगी कांग्रेस और राजद का क्यों नहीं मिल रहा सपोर्ट

ED summons to CM. सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के दसवें समन के बाद एक तरफ जहां झामुमो कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं. वहीं कांग्रेस और राजद इसमें कहीं दिख नहीं रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या झामुमो को अपने सहयोगियों का समर्थन नहीं मिल रहा है?

ED summons to CM
ED summons to CM
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 27, 2024, 4:26 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रवर्तन निदेशालय के बीच लैंड स्कैम मामले में पूछताछ के लिए चल रही खींचतान अब सड़क पर आंदोलन का रूप लेने लगी है. ईडी के 10वें समन के विरोध में झामुमो ने उपराजधानी दुमका में शनिवार को बंद बुलाया. सुबह होते ही झामुमो कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और दुकानों को बंद करवाया. यहां तक कहा गया है कि सीएम को परेशान करना बंद नहीं हुआ तो पूरे राज्य में चक्का जाम कर दिया जाएगा. जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाले जा रहे हैं. लेकिन सवाल है कि गठबंधन वाली सरकार होने के बावजूद झामुमो के साथ कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता क्यों खड़े नहीं दिख रहे हैं.

ऐसी ही तस्वीर 8वें समन के वक्त भी दिखी थी. तब राजमहल से झामुमो सांसद विजय हांसदा के नेतृत्व में 17 जनवरी को साहिबगंज बंद बुलाया गया था. बंद तब बुलाया गया था, जब सीएम ने 8वें समन पर ईडी को पूछताछ के लिए 20 जनवरी को उनके आवास पर आने की स्वीकृति दे दी थी. उस दिन भी गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता नजर नहीं आए थे. अव्वल तो ये कि 20 जनवरी को जब सीएम आवास पर ईडी की टीम पहुंची थी, तब भी सिर्फ झामुमो के कार्यकर्ता ही सीएम आवास के पास प्रदर्शन कर रहे थे. कहीं भी कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता नहीं पहुंचे थे.

अब सवाल है कि क्या गठबंधन में सीएम अलग-थलग पड़ गये हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि सीएम यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अपने बूते लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं. इन सवालों का जवाब जानने के लिए जब कांग्रेस और राजद से संपर्क किया गया तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

प्रदेश राजद की उपाध्यक्ष अनिता यादव ने साफ तौर पर कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन के मुखिया हैं. उनको इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए. गठबंधन में एकता की कमी दिख रही है. यह लड़ाई एकजुटता के साथ ही जीती जा सकती है. एक तरफ सीएम खुद को बड़े भाई बताते हैं, दूसरी ओर इस गंभीर मसले पर सहयोगी दलों से बात करने से गुरेज करते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम तक हमारी सीधी पहुंच नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सवाल को पार्टी फोरम पर जरूर उठाया जाएगा.

वहीं इस मसले पर प्रदेश कांग्रेस कंफ्यूज दिख रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश प्रसाद साहू का कहना है कि राहुल गांधी आ रहे हैं. पूरे कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में जुटे हैं. जहां तक झामुमो के आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरने की बात है तो इस मसले पर अध्यक्ष जी से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम लोगों को भी सड़क पर उतरना चाहिए. उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी के झारखंड आगमन पर सीएम हेमंत सोरेन स्वागत करने जाएंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेताओं को निमंत्रण दिया जा रहा है. उम्मीद है कि सीएम भी राहुल गांधी का स्वागत करने जाएंगे.

सीएम और ईडी के बीच समन और जवाब का खेल: इस बीच ईडी ने बचे हुए सवालों पर बयान लेने के लिए 22 जनवरी को 9वां समन जारी कर 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सीएम से वक्त मांगा था, लेकिन सीएम ने 25 जनवरी को जवाब भिजवा दिया और कहा कि समन मिल गया है. पूछताछ की तारीख और समय बाद में बताएंगे. समन का खेल इस कदर चल रहा है कि सीएम आवास से जवाब पहुंचने के अगले ही दिन यानी 26 जनवरी को ईडी ने 10वां समन जारी कर दिया और कह दिया कि आप 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय दें, नहीं तो टीम खुद इस बीच उनके पास पहुंचेगी.

आपको बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन अबुआ आवास योजना को लेकर जिलों का दौरा कर रहे हैं. 23 जनवरी को उन्होंने खूंटी से योजना की शुरुआत की थी. 30 जनवरी को पलामू और 31 जनवरी को गिरिडीह जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम का पलामू का कार्यक्रम रद्द भी हो सकता है. माना जा रहा है कि सब कुछ ईडी के स्टैंड पर निर्भर करेगा. इस बीच एक बात साफ हो गई है कि सीएम की लड़ाई में कांग्रेस और राजद दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. इसके पीछे की वजह को समझना मुश्किल नहीं है.

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ऐसी ही तस्वीर 8वें समन के वक्त भी दिखी थी. तब राजमहल से झामुमो सांसद विजय हांसदा के नेतृत्व में 17 जनवरी को साहिबगंज बंद बुलाया गया था. बंद तब बुलाया गया था, जब सीएम ने 8वें समन पर ईडी को पूछताछ के लिए 20 जनवरी को उनके आवास पर आने की स्वीकृति दे दी थी. उस दिन भी गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता नजर नहीं आए थे. अव्वल तो ये कि 20 जनवरी को जब सीएम आवास पर ईडी की टीम पहुंची थी, तब भी सिर्फ झामुमो के कार्यकर्ता ही सीएम आवास के पास प्रदर्शन कर रहे थे. कहीं भी कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता नहीं पहुंचे थे.

अब सवाल है कि क्या गठबंधन में सीएम अलग-थलग पड़ गये हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि सीएम यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अपने बूते लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं. इन सवालों का जवाब जानने के लिए जब कांग्रेस और राजद से संपर्क किया गया तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

प्रदेश राजद की उपाध्यक्ष अनिता यादव ने साफ तौर पर कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन के मुखिया हैं. उनको इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए. गठबंधन में एकता की कमी दिख रही है. यह लड़ाई एकजुटता के साथ ही जीती जा सकती है. एक तरफ सीएम खुद को बड़े भाई बताते हैं, दूसरी ओर इस गंभीर मसले पर सहयोगी दलों से बात करने से गुरेज करते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम तक हमारी सीधी पहुंच नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सवाल को पार्टी फोरम पर जरूर उठाया जाएगा.

वहीं इस मसले पर प्रदेश कांग्रेस कंफ्यूज दिख रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश प्रसाद साहू का कहना है कि राहुल गांधी आ रहे हैं. पूरे कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में जुटे हैं. जहां तक झामुमो के आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरने की बात है तो इस मसले पर अध्यक्ष जी से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम लोगों को भी सड़क पर उतरना चाहिए. उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी के झारखंड आगमन पर सीएम हेमंत सोरेन स्वागत करने जाएंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेताओं को निमंत्रण दिया जा रहा है. उम्मीद है कि सीएम भी राहुल गांधी का स्वागत करने जाएंगे.

सीएम और ईडी के बीच समन और जवाब का खेल: इस बीच ईडी ने बचे हुए सवालों पर बयान लेने के लिए 22 जनवरी को 9वां समन जारी कर 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सीएम से वक्त मांगा था, लेकिन सीएम ने 25 जनवरी को जवाब भिजवा दिया और कहा कि समन मिल गया है. पूछताछ की तारीख और समय बाद में बताएंगे. समन का खेल इस कदर चल रहा है कि सीएम आवास से जवाब पहुंचने के अगले ही दिन यानी 26 जनवरी को ईडी ने 10वां समन जारी कर दिया और कह दिया कि आप 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय दें, नहीं तो टीम खुद इस बीच उनके पास पहुंचेगी.

आपको बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन अबुआ आवास योजना को लेकर जिलों का दौरा कर रहे हैं. 23 जनवरी को उन्होंने खूंटी से योजना की शुरुआत की थी. 30 जनवरी को पलामू और 31 जनवरी को गिरिडीह जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम का पलामू का कार्यक्रम रद्द भी हो सकता है. माना जा रहा है कि सब कुछ ईडी के स्टैंड पर निर्भर करेगा. इस बीच एक बात साफ हो गई है कि सीएम की लड़ाई में कांग्रेस और राजद दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. इसके पीछे की वजह को समझना मुश्किल नहीं है.

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