इंदौर : नगर निगम में हुए करोड़ों के फर्जी बिल और ड्रेनेज घोटाले में ईडी की एंट्री हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस घोटाले के प्रमुख आरोपियों के 18 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए फर्जी बिल और ड्रेनेज घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए हैं. कहा जा रहा है कि घोटाले में ऑडिट और लेखा विभाग के कर्मचारियों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े के सबूत मिले हैं.
कहां हुई छापेमारी?
ईडी की टीम ने सुखदेव नगर, अशोका कॉलोनी के सकीना अपार्टमेंट, मदीना नगर, आशीष नगर, अंबिकापुरी और सुखलिया में आरोपियों के ठिकानों पर कार्रवाई की है. ईडी की तरफ से इस छापामार करवाई को लेकर फिलहाल कोई भी आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है. हालांकि, नगर निगम कमिश्नर इंदौर ने ईडी की कार्रवाई की पुष्टि की है.
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इंदौर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने कहा, '' हां, मामला मेरी जानकारी में आया है. ईडी की कार्रवाई के बारे में मैं भी और जानकारी जुटा रहा हूं. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.''
क्या है फर्जी बिल का मामला?
दरअसल, इंदौर नगर निगम में 120 करोड़ रु का फर्जीवाड़ा हुआ है. ये फर्जीवाड़ा ड्रेनेज से जुड़े कार्यों में हुआ. आरोप हैं कि 8 से ज्यादा ठेकेदारों ने बगैर काम किए फर्जी बिल लगाकर नगर निगम को चूना लगाया है. 120 करोड़ के फर्जी बिलों के भुगतान के मामले में ऑडिट और लेखा विभाग के कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है.