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डीयू ने स्नातक दाखिले से संबंधित विशेष जानकारियां की साझा, जानिए कौन-कौन से चरण हैं महत्वपूर्ण - DU UG ADMISSION WEBINAR

DU UG ADMISSION 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने वेबिनार आयोजित कर स्नातक दाखिले से संबंधित विशेष जानकारियां साझा की. छात्र-छात्राएं पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई स्टोरी पढ़ें....

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 2, 2024, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) पोर्टल के जरिए स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा चरण गुरुवार से शुरू हो चुका है. इसके तहत छात्र-छात्राओं ने अपनी पसंद के कोर्स और कॉलेज की वरीयताएं भरना शुरू कर दिया है. ऐसे में दाखिला प्रक्रिया के बारे में छात्रों को अधिक जागरूक करने के लिए डीयू एडमिशन ब्रांच ने शुक्रवार से वेबिनार श्रृंखला की शुरुआत की है.

आयोजित वेबिनार में डीयू डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे दूसरे चरण में अधिक से अधिक कोर्स और कॉलेज की प्राथमिकताएं भरें. उन्हें सीयूईटी स्कोर को देखकर विकल्प नहीं चुनना चाहिए. उन्हें लगता है कि सबसे अच्छा कॉलेज उन्हें चाहिए तो वरीयता के क्रम में उसे सबसे ऊपर रखना चाहिए. प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि पहले चरण की प्रवेश प्रक्रिया अभी जारी है और दूसरे चरण में प्राथमिकताएं भरने के साथ ही खत्म होगी.

प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि जिन छात्रों ने पहले चरण में पंजीकरण नहीं कराया है, वे सात अगस्त तक पंजीकरण कर सकते हैं. चार अगस्त तक करेक्शन विंडो खोली गई है, छात्र अपनी बैंक की जानकारी बलदना चाहते हैं या नए सर्टिफिकेट अपलोड करना चाहते हैं या फिर मार्कशीट अपलोड करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. यह एक ही बार दी जाने वाली सुविधा है. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने पहले चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है, वे दूसरे चरण में आवेदन करें. दूसरे चरण में अपने डैशबोर्ड पर आने पर चार टैब्स, सब्जेक्ट मैपिंग, प्रोग्राम एलिजिबिलिटी, प्रेफरेंस सिलेक्शन, प्रीव्यू प्रेफरेंस दिखाई देंगे.

सब्जेक्ट मैपिंग सबसे महत्वपूर्ण चरण: सब्जेक्ट मैपिंग यानी विषयों का मिलान सबसे महत्वपूर्ण चरण है. इसके लिए 12वीं में पढ़े विषयों का सीयूईटी में दिए पेपरों से मिलान जरूरी है. कम से कम इन विषयों का 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम आपस में मिलना चाहिए. सब्जेक्ट मैपिंग के लिए न्यूनतम पांच पेपर होने ही चाहिए. 12वीं के अंक भर रहे हैं तो विषय के जितने कुल अंक हैं, वो और जितने अंक हासिल किए हैं वो ठीक से भरें. अगर प्रैक्टिकल है, तो उसको भी ऐसे ही भरें.

थ्योरी और प्रैक्टिल एक विषय में हैं तो उनको अलग-अलग भरें. प्रैक्टिकल नहीं है और इंटरनल असेस्मेंट दिया है, तो उसके अंक प्रैक्टिकल की जगह भरें. इनको अपडेट करने के लिए विंडो सात अगस्त तक खुली रहेगी. कोर्स और कॉलेज की प्राथमिकताएं भरते वक्त जरूरी है कि यदि किसी छात्र ने भाषा अथवा डोमेन विशिष्ट विषय अथवा सामान्य परीक्षा नहीं दी है जो किसी विशेष कार्यक्रम की पात्रता मानदंडों को पूरा करने के लिए अनिवार्य है, तो वह उस विशेष कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र नहीं होगा. हर कोर्स में उनकी एलिजिबिलिटी है या नहीं यह डैशबोर्ड में नीचे दिखाई देगा. कॉलेज के आधार पर या कोर्स के आधार पर या दोनों तरीकों से प्राथमिकताएं भर सकते हैं. इन प्रोग्राम को फिल्टर के विकल्प से फिल्टर भी किया जा सकता है.

वेबसाइट पर जाकर इन्फॉर्मेशन बुलेटिन जरूर पढ़ें छात्र: छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए प्रो. गांधी ने कहा कि जो भाषा छात्र चुन रहे हैं, उसकी प्रारंभिक जानकारी होनी चाहिए अन्यथा कॉलेज उन्हें चयनित नहीं करेंगे. जो सीट छात्र को आवंटित की गई है उसे स्वीकार कर फीस जमा जरूर कर लें. यदि अपग्रेड का विकल्प चुनते हैं, तो सीट वापस नहीं मिलेगी. जनरल टेस्ट किसी भी कोर्स की मैपिंग के लिए आवश्यक नहीं होगा. स्पोर्ट्स और ईसीए कैटेगिरी के प्रवेश की घोषणा जल्द होगी.

प्रो. गांधी ने आगे कहा कि एक भाषा आपने नहीं पढ़ी है और एक डोमेन विषय नहीं लिया है तो आपकी वरीयताएं जीरो दिखाएंगी. हर जानकारी आपके डैशबोर्ड पर भेजी जाएगी. फीस जमा भी डैशबोर्ड के जरिए ही छात्रों को करनी है. अधिक जानकारी के लिए डीयू की प्रवेश वेबसाइट पर जाकर इनफार्मेशन बुलेटिन जरूर पढ़ें. छात्र चैट बोर्ड और ईमेल से भी सवाल भेज सकते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) पोर्टल के जरिए स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा चरण गुरुवार से शुरू हो चुका है. इसके तहत छात्र-छात्राओं ने अपनी पसंद के कोर्स और कॉलेज की वरीयताएं भरना शुरू कर दिया है. ऐसे में दाखिला प्रक्रिया के बारे में छात्रों को अधिक जागरूक करने के लिए डीयू एडमिशन ब्रांच ने शुक्रवार से वेबिनार श्रृंखला की शुरुआत की है.

आयोजित वेबिनार में डीयू डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे दूसरे चरण में अधिक से अधिक कोर्स और कॉलेज की प्राथमिकताएं भरें. उन्हें सीयूईटी स्कोर को देखकर विकल्प नहीं चुनना चाहिए. उन्हें लगता है कि सबसे अच्छा कॉलेज उन्हें चाहिए तो वरीयता के क्रम में उसे सबसे ऊपर रखना चाहिए. प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि पहले चरण की प्रवेश प्रक्रिया अभी जारी है और दूसरे चरण में प्राथमिकताएं भरने के साथ ही खत्म होगी.

प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि जिन छात्रों ने पहले चरण में पंजीकरण नहीं कराया है, वे सात अगस्त तक पंजीकरण कर सकते हैं. चार अगस्त तक करेक्शन विंडो खोली गई है, छात्र अपनी बैंक की जानकारी बलदना चाहते हैं या नए सर्टिफिकेट अपलोड करना चाहते हैं या फिर मार्कशीट अपलोड करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. यह एक ही बार दी जाने वाली सुविधा है. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने पहले चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है, वे दूसरे चरण में आवेदन करें. दूसरे चरण में अपने डैशबोर्ड पर आने पर चार टैब्स, सब्जेक्ट मैपिंग, प्रोग्राम एलिजिबिलिटी, प्रेफरेंस सिलेक्शन, प्रीव्यू प्रेफरेंस दिखाई देंगे.

सब्जेक्ट मैपिंग सबसे महत्वपूर्ण चरण: सब्जेक्ट मैपिंग यानी विषयों का मिलान सबसे महत्वपूर्ण चरण है. इसके लिए 12वीं में पढ़े विषयों का सीयूईटी में दिए पेपरों से मिलान जरूरी है. कम से कम इन विषयों का 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम आपस में मिलना चाहिए. सब्जेक्ट मैपिंग के लिए न्यूनतम पांच पेपर होने ही चाहिए. 12वीं के अंक भर रहे हैं तो विषय के जितने कुल अंक हैं, वो और जितने अंक हासिल किए हैं वो ठीक से भरें. अगर प्रैक्टिकल है, तो उसको भी ऐसे ही भरें.

थ्योरी और प्रैक्टिल एक विषय में हैं तो उनको अलग-अलग भरें. प्रैक्टिकल नहीं है और इंटरनल असेस्मेंट दिया है, तो उसके अंक प्रैक्टिकल की जगह भरें. इनको अपडेट करने के लिए विंडो सात अगस्त तक खुली रहेगी. कोर्स और कॉलेज की प्राथमिकताएं भरते वक्त जरूरी है कि यदि किसी छात्र ने भाषा अथवा डोमेन विशिष्ट विषय अथवा सामान्य परीक्षा नहीं दी है जो किसी विशेष कार्यक्रम की पात्रता मानदंडों को पूरा करने के लिए अनिवार्य है, तो वह उस विशेष कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र नहीं होगा. हर कोर्स में उनकी एलिजिबिलिटी है या नहीं यह डैशबोर्ड में नीचे दिखाई देगा. कॉलेज के आधार पर या कोर्स के आधार पर या दोनों तरीकों से प्राथमिकताएं भर सकते हैं. इन प्रोग्राम को फिल्टर के विकल्प से फिल्टर भी किया जा सकता है.

वेबसाइट पर जाकर इन्फॉर्मेशन बुलेटिन जरूर पढ़ें छात्र: छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए प्रो. गांधी ने कहा कि जो भाषा छात्र चुन रहे हैं, उसकी प्रारंभिक जानकारी होनी चाहिए अन्यथा कॉलेज उन्हें चयनित नहीं करेंगे. जो सीट छात्र को आवंटित की गई है उसे स्वीकार कर फीस जमा जरूर कर लें. यदि अपग्रेड का विकल्प चुनते हैं, तो सीट वापस नहीं मिलेगी. जनरल टेस्ट किसी भी कोर्स की मैपिंग के लिए आवश्यक नहीं होगा. स्पोर्ट्स और ईसीए कैटेगिरी के प्रवेश की घोषणा जल्द होगी.

प्रो. गांधी ने आगे कहा कि एक भाषा आपने नहीं पढ़ी है और एक डोमेन विषय नहीं लिया है तो आपकी वरीयताएं जीरो दिखाएंगी. हर जानकारी आपके डैशबोर्ड पर भेजी जाएगी. फीस जमा भी डैशबोर्ड के जरिए ही छात्रों को करनी है. अधिक जानकारी के लिए डीयू की प्रवेश वेबसाइट पर जाकर इनफार्मेशन बुलेटिन जरूर पढ़ें. छात्र चैट बोर्ड और ईमेल से भी सवाल भेज सकते हैं.

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