बक्सर: बिहार के बक्सर में जिनके कंधे पर लोगों के जीवन को बचाने का जिम्मा है, वही नशे में चूर नजर आ रहा है. यहां के डॉक्टर लोगों का इलाज करने के बजाय खुद नशे में टून होकर जमीन पर पड़े हैं. यह मामला जिले के डुमराव अनुमंडल के रघुनाथपुर सीएचसी का है. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अमित कुमार शराब के नशे में ऐसे धुत हुए कि उन्हें पुलिस उठाकर अपने साथ ले गई.
सरकारी अस्पताल में नशे में चूर डॉक्टर का हंगामा: बता दें कि रघुनाथपुर सीएचसी में तैनात डॉक्टर अमित कुमार शराब के नशे में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण पर फर्जी अटेंडेंस बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे. सीएचसी प्रभारी जब नहीं माने तो शराबी डॉक्टर मारपीट पर उतारू हो गए. इसी दौरान अस्पताल के कर्मीयों ने इसकी सूचना ब्रह्मपुर थाने को दी. अस्पताल पहुंची पुलिस ने नशे में टून जमीन पर पड़े डॉक्टर की जब मेडिकल जांच की तो 73 प्रतिशत अल्कोहल पीने की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस शराबी डॉक्टर को उठाकर थाने ले गई.
क्या कहते हैं सीएचसी प्रभारी?: रघुनाथपुर सीएचसी प्रभारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण ने बताया कि शराब के नशे में चूर चिकित्सक अमित कुमार गलत तरीके से अटेंडेंस बनाने का दबाओ बना रहे थे. जब सीएचसी प्रभारी ने गलत काम करने से इनकार कर दिया, तो डॉक्टर मारपीट पर उतारू हो गए. अस्पताल पहुंचे ब्रह्मपुर थाने के एसआई धीरज कुमार ने बताया कि नशे में चूर चिकित्सक को अस्पताल से गिरफ्तार कर मेडिकल कराया गया, जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
"डॉक्टर अमित कुमार शराब के नशे में फर्जी अटेंडेंस बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे. जब मैं नहीं माना तो शराबी डॉक्टर मारपीट पर उतारू हो गए. इसी दौरान अस्पताल के कर्मीयों ने इसकी सूचना ब्रह्मपुर थाने को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस डॉक्टर को अपने साथ ले गई है. उसके मेडिकल जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई है."- डॉ. गोपाल कृष्ण, सीएचसी प्रभारी
"सूचना मिली थी कि रघुनाथपुर सीएचसी में तैनात डॉक्टर अमित कुमार शराब के नशे में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण पर फर्जी अटेंडेंस बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे. बात नहीं मानने पर डॉक्टर ने मारपीट भी की, जिसके बाद डॉक्टर का मेडिकल जांच कराया गया है, जिसमें शराब पीने की पुष्टी हुई है. फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है."- धीरज कुमार, एसआई ब्रह्मपुर थाना
सरकारी अस्पताल में जमती है महफिल: वहीं सीएचसी में तैनात स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि हर रोज रात को इस सरकारी अस्पताल में शराब की महफिल सजती है. रात में कोई मरीज इस अस्पताल में आ गया तो उसे उसी समय रेफर कर देते हैं. गौरतलब हो कि साल 2016 से ही बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है. उसके बाद भी प्रत्येक दिन शराब की बड़ी-बड़ी खेप से लेकर शराबी पकड़े जा रहे हैं. पुलिस लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है.