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महाराष्ट्र में बने ड्राइविंग लाइसेंस सुल्तानपुर में हुए अप्रूव, ऐसे हुआ खुलासा - Sultanpur RTO den of corruption

महाराष्ट्र के RTO कार्यालय में बने ड्राइविंग लाइसेंस सुल्तानपुर आरटीओ से अप्रूव हो गए, एनआरसी के दौरान हुए खेल का खुलासा होते ही उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग नें हड़कंप मच गया. तुरंत ही एक जांच कमेटी का गठन किया गया. इसमें बड़े स्तर पर खेल की बात सामने आ रही है. जिम्मेदारों पर कार्रवाई की भी तैयारी है.

RTO ऑफिस बने भ्रष्टाचार के 'अड्डे'
RTO ऑफिस बने भ्रष्टाचार के 'अड्डे' (PHOTO credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 8:56 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 10:13 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में RTO ऑफिस भ्रष्टाचार के 'अड्डे' बनते जा रहे हैं. किसी भी आरटोओ में जाकर पैसे के बल पर कोई भी काम करवाया जा सकता है. ऐसा ही कारनामा सुल्तानपुर एआरटीओ कार्यालय में अंजाम दिया गया है. महाराष्ट्र के कई आरटीओ ऑफिस में दर्ज 16 ड्राइविंग लाइसेंस की सारथी डाटाबेस पर बैकलॉग इंट्री कर दी गई. फर्जी तरीके से सुल्तानपुर एआरटीओ कार्यालय में ये डीएल अप्रूव कर दिए गए, जबकि यहां पर इन ड्राइविंग लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड था ही नहीं. इसके बाद इन्हीं ड्राइविंग लाइसेंस का पंजाब में पता बदलकर दर्ज करने की प्रक्रिया कर दी गई. इसकी सूचना पंजाब के सेक्रेटरी परिवहन विभाग आईएएस दिलराज सिंह को मिली तो उन्होंने इन ड्राइविंग लाइसेंस का डाटा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा. इसके बाद सुल्तानपुर के एआरटीओ से जवाब तलब शुरू हुआ. उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी को जांच अधिकारी बनाया गया उन्होंने पूरे मामले की जांच की. इसमें बड़े स्तर पर खेल की बात सामने आई. अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी है.

उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी ने सुल्तानपुर के एआरटीओ नंदकुमार से जवाब तलब किया. इनमें लाइसेंसों का बैकलॉग किए जाने के लिए किस सहायक को नामित किया गया, पूरा डिटेल लॉगिन आईडी सहित मांगा. बैकलॉग किए गए लाइसेंस का अप्रूवल किस अधिकारी ने किया इसका विवरण लॉगिन आईडी सहित तलब किया. यह भी पूछा क्या बैकलॉग लाइसेंस के अप्रूवल के लिए किसी सहायक को अधिकार दिए गए हैं? अगर हां तो संबंधित आदेश की प्रति और संबंधित सहायक की लॉगिन आईडी का डिलेट उपलब्ध कराएं. इसके अलावा बैकलॉग किए गए सभी लाइसेंसों की मूल पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी नंदकुमार ने पूरी सूचना उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी को दी. जानकारी दी गई की 30 सितंबर 2022 को बैकलॉग लाइसेंस का काम कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम को आवंटित किया गया. प्रश्नगत लाइसेंस का अप्रूवल भी बाबू शिवम ने किया. बैकलॉग लाइसेंस की निगरानी का कार्य संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत की देखरेख में किए जाने के आदेश थे.

जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर 2022 को लर्निंग लाइसेंस का काम वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा को दिया गया था और अप्रूवल का कार्य संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत को दिया गया था. स्थाई लाइसेंस का काम वरिष्ठ सहायक पारसनाथ को दिया गया था, जिसका अप्रूवल किया गया. बैकलॉग लाइसेंस अप्रूवल का काम कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम को दिया गया था, जो संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत की देखरेख में किया जाने के आदेश थे. प्रश्नगत बैकलॉग लाइसेंस के अप्रूवल कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम ने ही किए हैं. उनकी आईडी शिवम गौतम है. यह भी जानकारी दी गई कि, बैकलॉग प्रक्रिया से जुड़े सभी कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

जांच के बाद उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी की तरफ से एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आईटी को जांच रिपोर्ट सौंपी गई. इसमें सभी लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री करते हुए इनका अप्रूवल सुल्तानपुर कार्यालय में होने का जिक्र किया गया, जबकि इन सभी लाइसेंसों का रिकॉर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं पाया गया. यह सभी लाइसेंस महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी किया गए थे. इन सभी की बैकलॉग एंट्री संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों ने अपने यहां संरक्षित रिकॉर्ड के आधार पर की जा सकती थी, लेकिन नहीं की.

16 लाइसेंस में से पांच लाइसेंस एमएच 2620170032127, एमएच 26 2620170032133, एमएच 26 2620170032135, एमएच 18 20130025246, एमएच 19 20170032128 की बैकलॉग एंट्री उर्दू अनुवादक वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा ने अपनी लॉगिन आईडी से की, जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने उन्हें यह कार्य आवंटित ही नहीं किया था.

16 लाइसेंस में 11 लाइसेंस जिनमें एमएच 28 20170033252, एमएच 27 20170032220, एमएच 21 20100022243, एमएच 21 20140022326, एमएच 27 20170032246, एम एच 26 20170033254, एमएच 28 20170033256, एमएच 21 20100032237, एमएच 21 2010002239, एमएच 18 20130025246, एमएच 21 20100022241 की एंट्री और सभी 16 लाइसेंसों का बैकलॉग अप्रूवल सहायक शिवम गौतम ने अपनी लॉगिन आईडी से किया था.

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी लाइसेंस के बैकलॉग एंट्री अप्रूवल के संबंध में आवेदकों ने प्रस्तुत मूल लाइसेंस, पते आदि के प्रमाण पत्र संबंधी मूल पत्रावली लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री अप्रूवल करने के बाद कार्यालय में संरक्षित नहीं रखी. ऐसे सभी लाइसेंस का सुल्तानपुर में बैकलॉग अप्रूवल होने के एक से दो सप्ताह के अंदर पंजाब के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय में पता परिवर्तन करते हुए दर्ज कर लिया गया.

परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि, जब देश में सीएए एनआरसी का मुद्दा तेजी से उठा था. तब कागजों को तैयार करने के लिए लोगों ने जहां से लाइसेंस बनाया उसे दूसरे जिलों में बैकलॉग में दर्ज कराया और उसके बाद तीसरी जगह नया पता बदलवाकर लाइसेंस दर्ज कराए थे. इसमें बड़े स्तर पर खेल हुआ था. इसके बाद ही परिवहन आयुक्त कार्यालय की तरफ से आदेश किए गए थे कि किसी भी कीमत पर बिना प्रपत्रों को अपलोड किए लाइसेंस अप्रूव नहीं किए जाएंगे. इसके बाद इस तरह के खेल पर रोक लगी थी.

उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी का कहना है कि, उप परिवहन आयुक्त मामले की जांच की थी जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय में दर्ज लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री या अप्रूवल संबंधी कार्य सुल्तानपुर आरटीओ कार्यालय में गलत या व्यक्तिगत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था. इसमें शुरूआती जांच में कार्यालय के दो कर्मचारी वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा और कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम कदाचार के दोषी पाए गए थे. उनके खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की गई.

वहीं सुल्तानपुर के एआरटीओ नंद कुमार का कहना है कि, सुल्तानपुर आरटीओ कार्यालय में महाराष्ट्र के जिन 16 ड्राइविंग लाइसेंस को अप्रूवल दिया गया था, जानकारी होने के बाद उन सभी लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है. दोनों बाबुओं पर कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है.

ये भी पढ़ें: उन्नाव हादसा; बिना फिटनेस, इंश्योरेंस-रोड टैक्स के कैसे दौड़ रही थी बस, 16 RTO में क्यों नहीं हुई चेकिंग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में RTO ऑफिस भ्रष्टाचार के 'अड्डे' बनते जा रहे हैं. किसी भी आरटोओ में जाकर पैसे के बल पर कोई भी काम करवाया जा सकता है. ऐसा ही कारनामा सुल्तानपुर एआरटीओ कार्यालय में अंजाम दिया गया है. महाराष्ट्र के कई आरटीओ ऑफिस में दर्ज 16 ड्राइविंग लाइसेंस की सारथी डाटाबेस पर बैकलॉग इंट्री कर दी गई. फर्जी तरीके से सुल्तानपुर एआरटीओ कार्यालय में ये डीएल अप्रूव कर दिए गए, जबकि यहां पर इन ड्राइविंग लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड था ही नहीं. इसके बाद इन्हीं ड्राइविंग लाइसेंस का पंजाब में पता बदलकर दर्ज करने की प्रक्रिया कर दी गई. इसकी सूचना पंजाब के सेक्रेटरी परिवहन विभाग आईएएस दिलराज सिंह को मिली तो उन्होंने इन ड्राइविंग लाइसेंस का डाटा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा. इसके बाद सुल्तानपुर के एआरटीओ से जवाब तलब शुरू हुआ. उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी को जांच अधिकारी बनाया गया उन्होंने पूरे मामले की जांच की. इसमें बड़े स्तर पर खेल की बात सामने आई. अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी है.

उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी ने सुल्तानपुर के एआरटीओ नंदकुमार से जवाब तलब किया. इनमें लाइसेंसों का बैकलॉग किए जाने के लिए किस सहायक को नामित किया गया, पूरा डिटेल लॉगिन आईडी सहित मांगा. बैकलॉग किए गए लाइसेंस का अप्रूवल किस अधिकारी ने किया इसका विवरण लॉगिन आईडी सहित तलब किया. यह भी पूछा क्या बैकलॉग लाइसेंस के अप्रूवल के लिए किसी सहायक को अधिकार दिए गए हैं? अगर हां तो संबंधित आदेश की प्रति और संबंधित सहायक की लॉगिन आईडी का डिलेट उपलब्ध कराएं. इसके अलावा बैकलॉग किए गए सभी लाइसेंसों की मूल पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी नंदकुमार ने पूरी सूचना उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी को दी. जानकारी दी गई की 30 सितंबर 2022 को बैकलॉग लाइसेंस का काम कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम को आवंटित किया गया. प्रश्नगत लाइसेंस का अप्रूवल भी बाबू शिवम ने किया. बैकलॉग लाइसेंस की निगरानी का कार्य संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत की देखरेख में किए जाने के आदेश थे.

जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर 2022 को लर्निंग लाइसेंस का काम वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा को दिया गया था और अप्रूवल का कार्य संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत को दिया गया था. स्थाई लाइसेंस का काम वरिष्ठ सहायक पारसनाथ को दिया गया था, जिसका अप्रूवल किया गया. बैकलॉग लाइसेंस अप्रूवल का काम कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम को दिया गया था, जो संभागीय निरीक्षक प्राविधिक लक्ष्मीकांत की देखरेख में किया जाने के आदेश थे. प्रश्नगत बैकलॉग लाइसेंस के अप्रूवल कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम ने ही किए हैं. उनकी आईडी शिवम गौतम है. यह भी जानकारी दी गई कि, बैकलॉग प्रक्रिया से जुड़े सभी कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

जांच के बाद उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी की तरफ से एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आईटी को जांच रिपोर्ट सौंपी गई. इसमें सभी लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री करते हुए इनका अप्रूवल सुल्तानपुर कार्यालय में होने का जिक्र किया गया, जबकि इन सभी लाइसेंसों का रिकॉर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं पाया गया. यह सभी लाइसेंस महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी किया गए थे. इन सभी की बैकलॉग एंट्री संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों ने अपने यहां संरक्षित रिकॉर्ड के आधार पर की जा सकती थी, लेकिन नहीं की.

16 लाइसेंस में से पांच लाइसेंस एमएच 2620170032127, एमएच 26 2620170032133, एमएच 26 2620170032135, एमएच 18 20130025246, एमएच 19 20170032128 की बैकलॉग एंट्री उर्दू अनुवादक वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा ने अपनी लॉगिन आईडी से की, जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने उन्हें यह कार्य आवंटित ही नहीं किया था.

16 लाइसेंस में 11 लाइसेंस जिनमें एमएच 28 20170033252, एमएच 27 20170032220, एमएच 21 20100022243, एमएच 21 20140022326, एमएच 27 20170032246, एम एच 26 20170033254, एमएच 28 20170033256, एमएच 21 20100032237, एमएच 21 2010002239, एमएच 18 20130025246, एमएच 21 20100022241 की एंट्री और सभी 16 लाइसेंसों का बैकलॉग अप्रूवल सहायक शिवम गौतम ने अपनी लॉगिन आईडी से किया था.

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी लाइसेंस के बैकलॉग एंट्री अप्रूवल के संबंध में आवेदकों ने प्रस्तुत मूल लाइसेंस, पते आदि के प्रमाण पत्र संबंधी मूल पत्रावली लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री अप्रूवल करने के बाद कार्यालय में संरक्षित नहीं रखी. ऐसे सभी लाइसेंस का सुल्तानपुर में बैकलॉग अप्रूवल होने के एक से दो सप्ताह के अंदर पंजाब के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय में पता परिवर्तन करते हुए दर्ज कर लिया गया.

परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि, जब देश में सीएए एनआरसी का मुद्दा तेजी से उठा था. तब कागजों को तैयार करने के लिए लोगों ने जहां से लाइसेंस बनाया उसे दूसरे जिलों में बैकलॉग में दर्ज कराया और उसके बाद तीसरी जगह नया पता बदलवाकर लाइसेंस दर्ज कराए थे. इसमें बड़े स्तर पर खेल हुआ था. इसके बाद ही परिवहन आयुक्त कार्यालय की तरफ से आदेश किए गए थे कि किसी भी कीमत पर बिना प्रपत्रों को अपलोड किए लाइसेंस अप्रूव नहीं किए जाएंगे. इसके बाद इस तरह के खेल पर रोक लगी थी.

उप परिवहन आयुक्त सगीर अहमद अंसारी का कहना है कि, उप परिवहन आयुक्त मामले की जांच की थी जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय में दर्ज लाइसेंस की बैकलॉग एंट्री या अप्रूवल संबंधी कार्य सुल्तानपुर आरटीओ कार्यालय में गलत या व्यक्तिगत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था. इसमें शुरूआती जांच में कार्यालय के दो कर्मचारी वरिष्ठ सहायक निशात फातिमा और कनिष्ठ सहायक शिवम गौतम कदाचार के दोषी पाए गए थे. उनके खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की गई.

वहीं सुल्तानपुर के एआरटीओ नंद कुमार का कहना है कि, सुल्तानपुर आरटीओ कार्यालय में महाराष्ट्र के जिन 16 ड्राइविंग लाइसेंस को अप्रूवल दिया गया था, जानकारी होने के बाद उन सभी लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है. दोनों बाबुओं पर कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 10:13 PM IST
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