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द्रव्यवती नदी दे रही बीमारियों को न्योता, राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले आएंगे अच्छे दिन! - Good News for Dravyavati Nadi

बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल के द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के अच्छे दिन आने के आसार नजर आ रहे हैं. यूडीएच सचिव वैभव गालरिया ने अगले 45 दिन में द्रव्यवती नदी की पूरी सफाई करने के निर्देश दिए हैं.

Good News for Dravyavati Nadi
द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 22, 2024, 7:00 PM IST

Updated : Sep 22, 2024, 9:14 PM IST

जयपुर: बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के अब अच्छे दिन आएंगे. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले द्रव्यवती नदी की गत सुधरेगी. पहले जेडीसी रह चुके यूडीएच सचिव वैभव गालरिया ने अगले 45 दिन में द्रव्यवती नदी की पूरी सफाई करने के निर्देश दिए हैं.

45 दिनों में द्रव्यवती नदी की होगी पूरी सफाई (ETV Bharat Jaipur)

बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट: अमानीशाह नाले को द्रव्यवती नदी बनाने का सपना बीजेपी सरकार ने ही अपने पिछले कार्यकाल में देखा था. ये ड्रीम प्रोजेक्ट अब तक अधूरा है. द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को ये काम 2018 तक पूरा करना था. महज 10 फीसदी काम के कारण द्रव्यवती के हाल बदतर होते जा रहे हैं. इसमें भारी मात्रा में कचरा और काई जमा हो रही है. 1300 करोड़ खर्च करने के बाद भी द्रव्यवती नदी, नाला ही बनी हुई है. वहीं कई जगह जमीन विवाद और कांट्रैक्ट मैनेजमेंट की कमी के चलते प्रोजेक्ट का 10 फीसदी काम अभी भी अटका पड़ा है. 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. बावजूद इसके अनट्रीटेड पानी लगातार नदी में आ रहा है. बहती नदी की बजाय यहां स्थिर जल अब बीमारियों को भी न्योता दे रहा है. यहां पसरी गंदगी स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.

पढ़ें: द्रव्यवती नदी में गिर रहा सीवर का गंदा पानी, एनजीटी ने जेडीए को लगाई फटकार, ठोका जुर्माना - Dravyavati river

45 दिन में साफ करने के निर्देश: हालांकि यूडीएच प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने हाल ही को द्रव्यवती नदी परियोजना को लेकर जेडीए और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार कर 45 दिन में नदी को पूरा साफ करने के निर्देश दिए. साथ ही सीवर के गंदे पानी रोकने के लिए जेडीए और निगम के अधिकारियों को साथ बैठकर काम करने के लिए निर्देशित किया. इसके साथ ही यूडीएच सचिव ने सुशीलपुरा में निर्माणाधीन एसटीपी को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेडीए ट्रिब्यूनल में लंबित वाद के खिलाफ जेडीए प्रभावी पैरवी कर एसटीपी के कार्य को जल्द पूरा कराए. ताकि सीवर के गंदे पानी की आवक रोकी जा सके.

पढ़ें: द्रव्यवती नदी में गंदगी और अव्यवस्थाओं को लेकर जेडीए और टाटा प्रोजेक्ट से मांगा जवाब

नाले जैसी हो गई हालत: आपको बता दें कि वैभव गालरिया के जेडीसी रहते समय द्रव्यवती नदी का काम प्रगतिरत था. ऐसे में अब यूडीएच सेक्रेटरी बनने के साथ ही उन्होंने अपने पुराने प्रोजेक्ट को संभाला है. साथ ही इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि अभी मेंटेनेंस के अभाव में द्रव्यवती नदी नाला प्रतीत हो रही है. यही नहीं गोनेर पुलिया से पदमपुरा पुलिया की और करीब 2 किलोमीटर में द्रव्यवती नदी का काम भी अटका हुआ है. वहीं सीकर रोड पर मजार डैम के पास भी काम अधूरा पड़ा है. इनमें से कुछ जगह कोर्ट का स्टे भी है.

जयपुर: बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के अब अच्छे दिन आएंगे. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले द्रव्यवती नदी की गत सुधरेगी. पहले जेडीसी रह चुके यूडीएच सचिव वैभव गालरिया ने अगले 45 दिन में द्रव्यवती नदी की पूरी सफाई करने के निर्देश दिए हैं.

45 दिनों में द्रव्यवती नदी की होगी पूरी सफाई (ETV Bharat Jaipur)

बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट: अमानीशाह नाले को द्रव्यवती नदी बनाने का सपना बीजेपी सरकार ने ही अपने पिछले कार्यकाल में देखा था. ये ड्रीम प्रोजेक्ट अब तक अधूरा है. द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को ये काम 2018 तक पूरा करना था. महज 10 फीसदी काम के कारण द्रव्यवती के हाल बदतर होते जा रहे हैं. इसमें भारी मात्रा में कचरा और काई जमा हो रही है. 1300 करोड़ खर्च करने के बाद भी द्रव्यवती नदी, नाला ही बनी हुई है. वहीं कई जगह जमीन विवाद और कांट्रैक्ट मैनेजमेंट की कमी के चलते प्रोजेक्ट का 10 फीसदी काम अभी भी अटका पड़ा है. 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. बावजूद इसके अनट्रीटेड पानी लगातार नदी में आ रहा है. बहती नदी की बजाय यहां स्थिर जल अब बीमारियों को भी न्योता दे रहा है. यहां पसरी गंदगी स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.

पढ़ें: द्रव्यवती नदी में गिर रहा सीवर का गंदा पानी, एनजीटी ने जेडीए को लगाई फटकार, ठोका जुर्माना - Dravyavati river

45 दिन में साफ करने के निर्देश: हालांकि यूडीएच प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने हाल ही को द्रव्यवती नदी परियोजना को लेकर जेडीए और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार कर 45 दिन में नदी को पूरा साफ करने के निर्देश दिए. साथ ही सीवर के गंदे पानी रोकने के लिए जेडीए और निगम के अधिकारियों को साथ बैठकर काम करने के लिए निर्देशित किया. इसके साथ ही यूडीएच सचिव ने सुशीलपुरा में निर्माणाधीन एसटीपी को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेडीए ट्रिब्यूनल में लंबित वाद के खिलाफ जेडीए प्रभावी पैरवी कर एसटीपी के कार्य को जल्द पूरा कराए. ताकि सीवर के गंदे पानी की आवक रोकी जा सके.

पढ़ें: द्रव्यवती नदी में गंदगी और अव्यवस्थाओं को लेकर जेडीए और टाटा प्रोजेक्ट से मांगा जवाब

नाले जैसी हो गई हालत: आपको बता दें कि वैभव गालरिया के जेडीसी रहते समय द्रव्यवती नदी का काम प्रगतिरत था. ऐसे में अब यूडीएच सेक्रेटरी बनने के साथ ही उन्होंने अपने पुराने प्रोजेक्ट को संभाला है. साथ ही इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि अभी मेंटेनेंस के अभाव में द्रव्यवती नदी नाला प्रतीत हो रही है. यही नहीं गोनेर पुलिया से पदमपुरा पुलिया की और करीब 2 किलोमीटर में द्रव्यवती नदी का काम भी अटका हुआ है. वहीं सीकर रोड पर मजार डैम के पास भी काम अधूरा पड़ा है. इनमें से कुछ जगह कोर्ट का स्टे भी है.

Last Updated : Sep 22, 2024, 9:14 PM IST
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