जयपुर : राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करने जा रही है. वहीं, जयपुर में देश का सबसे पहला निजी क्षेत्र का वेटनरी कॉलेज खोलने वाले डॉ. राज खरे न्याय के लिए भटक रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कार्यालय पर धरना दिया था. अब उनकी बेटी रोली खरे रस्तोगी ने अमेरिका से एक वीडियो जारी कर भजनलाल सरकार के सामने चार मांगें रखी हैं. रोली अमेरिका में वकील हैं और अपने पिता को न्याय दिलाने के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं.
अपने बयान में रोली खरे रस्तोगी ने कहा कि उनके पिता डॉ. राज खरे 1996 में अमेरिका से जयपुर गए और तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह के निमंत्रण पर उन्होंने जयपुर में अपोलो कॉलेज ऑफ वेटनरी एंड मेडिसिन की स्थापना की थी. उनका यह प्रयास राजस्थान के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए था. उस समय भारत का निजी क्षेत्र का यह पहला वेटनरी कॉलेज था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कॉलेज अब गलत हाथों में चला गया है.
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एसीबी ने जांच में गबन माना, नहीं लिया एक्शन : रोली खरे रस्तोगी ने कहा कि एसीबी ने अपनी जांच में इस पूरे मामले में 35 करोड़ रुपए का गबन होने की बात स्वीकार की है. इसमें आगे कोई एक्शन और इंवेस्टिगेशन नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री कार्यालय से भी कोई ऐसी सूचना नहीं मिली है, जिसमें आगे जांच होने की बात सामने आई हो.
उच्चाधिकारी से करवाई जाए जांच : उन्होंने अपने बयान में सरकार से मोटे तौर पर चार मांगें की हैं. उनकी पहली मांग है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर से कोई उच्चाधिकारी इस पूरे मामले की जांच के लिए नियुक्त किया जाए. दूसरी मांग है कि जो भी इस मामले में आरोपी हैं. उन्हें गिरफ्तार किया जाए और इसके बैंक खाते भी बंद किए जाएं क्योंकि इन खातों से लगातार रकम निकाली जा रही हैं.
देवस्थान विभाग नियुक्त करे स्वतंत्र प्रशासक : उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग को निर्देश दिए जाएं कि स्वतंत्र प्रशासक की नियुक्ति की जाए, जो पूरे मामले की जांच पड़ताल कर सके. इसके साथ ही उन्होंने मांग कि है कि उनके पिता 90 साल के हैं. उनकी सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान का मकसद तभी पूरा हो सकता है. जब पुराने एनआरआई के द्वारा किए गए निवेश सही ट्रैक पर आ सके और उसमें हुई धांधली का खुलासा हो सके.