नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण की जांच करने का शुल्क बढ़ा दिया है. इससे नाखुश दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने दिल्ली में सभी प्रदूषण जांच बूथों को बंद करने की घोषणा की है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट के लिए शुल्क को बढ़ा दिया गया है.
दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट का शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये कर दिया गया है. चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये से 110 रुपये कर दिया गया है. डीजल वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट का शुल्क 100 से 140 रुपये कर दिया गया है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक 13 साल के बाद पेट्रोल सीएनजी और डीजल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र का शुल्क बढ़ाया गया है. 20 से 40 रुपये तक प्रमाण पत्र का शुल्क बढ़ाया गया है. बढ़ी हुई दरें 15 जुलाई से लागू की जाएंगी.
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दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बनाने का शुल्क बढ़ाने का विरोध कर रहा है. डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा है कि शुल्क बढ़ाने के विरोध में 15 जुलाई से दिल्ली के करीब 700 पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट केंद्र बंद कर दिए जाएंगे. विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार का मिनिमम वेज पिछले 13 साल में 3 गुना बढ़ा दिया गया. 2006 के बाद 2011 में 73 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई थी. इस बार सरकार ने किस कैलकुलेशन के आधार पर रेट बढ़ाया गया है. सरकार ने इसे स्पष्ट नहीं किया है.
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