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सवाई माधोपुर के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में, कई गांव अब भी जलमग्न - Dozens of Villages in Grip of Flood

सवाई माधोपुर में पिछले दिनों हुई जोरदार बारिश का कहर अब तक बरकरार है. नीचले इलाकों में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बांधों के ओवरफ्लो होने से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

Dozens of Villages in Grip of Flood
सवाई माधोपुर में कई गांव अब भी जलमग्न (ETV Bharat Sawai Madhopur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 5:54 PM IST

सवाई माधोपुर के कई गांवों में जलभराव, जनजीवन अस्त-व्यस्त (ETV Bharat Sawai Madhopur)

सवाई माधोपुर: जिले में विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद भले ही अब बारिश का दौर थम गया हो, लेकिन नदी-नाले अभी भी उफान पर हैं. जिले के करीबन सभी बांध छलक रहे हैं. बांधों से ओवरफ्लो होकर लगातार आ रहे पानी का दंश दर्जनो गांवों के सैकड़ों ग्रामीण झेलने को मजबूर हैं. अभी भी जिले के दर्जनों गांव पानी से घिरे हुए हैं. जिले की बनास, गलवा, मोरेल, गंभीरा एवं निगोह नदी अभी भी उफान पर है. बारिश के बाद जिले के सभी 18 बांध पूरी तरह भर गए हैं. बांधों पर अब भी चादर चल रही है. जिससे बांधों के निचले इलाके में बसे दर्जनों गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए हैं और बाढ़ की चपेट में हैं.

सबसे ज्यादा सूरवाल बांध की डाउनस्ट्रीम में रहने वाले गावों के लोग परेशान हैं. जिले के एक दर्जन से अधिक गांव के चारों ओर पानी भर गया है. गांव के भीतर भी जबरदस्त पानी घुसा हुआ है और कई मकानों के अंदर पानी भरा हुआ है. कई गांव से निकलने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं. मच्छीपुरा की ढाणी, सूरवाल, अजीनोटी, दुब्बी धनौली, पुसोदा आदि गांव में स्थितियां इतनी खराब है कि घर से ग्रामीण निकल तक नहीं सकते.

पढ़ें: भरतपुर, धौलपुर व करौली में बाढ़ के हालात, संभाग में 24 घंटे से बरसात जारी, 3 जिलों के 4 बांधों से हो रही पानी की निकासी - Flood Like Situation in 3 Districts

वहीं सूरवाल बांध में अत्यधिक पानी की आवक बढ़ने से बांध के बराबर क्षेत्र के गांव में जलभराव की विकराल स्थिति बनी हुई है. ग्रामीणों की खाद्य सामग्री, पशुओं का चारा पानी में भीग गया है. घरों में पानी भरा होने के कारण कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगह पर दूसरे घरों में आश्रय लेने को मजबूर हो गए हैं. वहीं भगवतगढ़ मार्ग पर बनी पुलिया में पानी की निकासी के लिए छोटे पाइप लगाए गए हैं. लेकिन वो पाइप पानी का वेग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे. गांव में पानी भरने से कब्रिस्तान में भी पानी भर गया, जिससे मौत होने पर शव को दफनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें: पार्वती बांध के 14 गेट 3 फीट खोले, करीब 50 गांव पर बाढ़ का संकट, राजस्थान-मध्य प्रदेश का सड़क संपर्क कटा - heavy Rain in Dholpur

ग्रामीणों द्वारा पानी की निकासी मार्गों पर अतिक्रमण कर नालियों को बंद कर रखा हुआ है. ऐसे में भारी बरसात के बाद बांध के ओवरफ्लो होने से गांव में घुसा पानी निकल नहीं पा रहा है. वहीं खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो गई हैं. ऐसे विकट हालात में जिला प्रशासन मूकदर्शक की स्थिति में है. बांधों के निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांव के लोगों को अभी 8 से 10 दिनों तक पानी और बाढ़ से निजात नहीं मिलने वाली है.

पढ़ें: कहर बनकर बरस रही आसमानी आफत : उर्मिला सागर ओवरफ्लो, करौली-धौलपुर हाईवे को काटा गया, पार्वती नदी उफान पर - Heavy Rain in Dholpur

ग्रामीण मोहम्मद इमरान का कहना है कि बारिश से करीबन 40 गांव की फैसलें नष्ट हो चुकी हैं. बेजुबान जानवर भी भूखे-प्यासे तड़प रहे हैं. वहीं घरों में रखी खाद्य सामग्री भी पानी से खराब हो चुकी है. वही जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा ने कहा की उनके निरीक्षण के दौरान लोगों ने नालों के किनारे सेफ्टी दीवार सहित कई मांगें की हैं. मुख्यमंत्री मंगलवार तक वापस आएंगे. उसके बाद मुख्यमंत्री प्रभारी साथियों के साथ अतिवृष्टि को लेकर एक मीटिंग आयोजित करेंगे.

प्रभारी सचिव ने कहा कि यह खुशखबरी भी है कि राजस्थान में अच्छी बरसात हुई है, लेकिन भारी बारिश के बाद लोगों के घरों में पानी भरा है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. अतिवृष्टि को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बार सवाई माधोपुर सहित पूरे राज्यभर में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. पिछले 50 से 60 सालो में जिले के सभी बांध भरे हुए हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि बारिश के चलते नाले के पास निचले इलाके और सूरवाल बांध के निचले इलाकों में जो पानी घरों में भरा है, उससे लोगों को काफी परेशानी हुई है.

सवाई माधोपुर के कई गांवों में जलभराव, जनजीवन अस्त-व्यस्त (ETV Bharat Sawai Madhopur)

सवाई माधोपुर: जिले में विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद भले ही अब बारिश का दौर थम गया हो, लेकिन नदी-नाले अभी भी उफान पर हैं. जिले के करीबन सभी बांध छलक रहे हैं. बांधों से ओवरफ्लो होकर लगातार आ रहे पानी का दंश दर्जनो गांवों के सैकड़ों ग्रामीण झेलने को मजबूर हैं. अभी भी जिले के दर्जनों गांव पानी से घिरे हुए हैं. जिले की बनास, गलवा, मोरेल, गंभीरा एवं निगोह नदी अभी भी उफान पर है. बारिश के बाद जिले के सभी 18 बांध पूरी तरह भर गए हैं. बांधों पर अब भी चादर चल रही है. जिससे बांधों के निचले इलाके में बसे दर्जनों गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए हैं और बाढ़ की चपेट में हैं.

सबसे ज्यादा सूरवाल बांध की डाउनस्ट्रीम में रहने वाले गावों के लोग परेशान हैं. जिले के एक दर्जन से अधिक गांव के चारों ओर पानी भर गया है. गांव के भीतर भी जबरदस्त पानी घुसा हुआ है और कई मकानों के अंदर पानी भरा हुआ है. कई गांव से निकलने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं. मच्छीपुरा की ढाणी, सूरवाल, अजीनोटी, दुब्बी धनौली, पुसोदा आदि गांव में स्थितियां इतनी खराब है कि घर से ग्रामीण निकल तक नहीं सकते.

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वहीं सूरवाल बांध में अत्यधिक पानी की आवक बढ़ने से बांध के बराबर क्षेत्र के गांव में जलभराव की विकराल स्थिति बनी हुई है. ग्रामीणों की खाद्य सामग्री, पशुओं का चारा पानी में भीग गया है. घरों में पानी भरा होने के कारण कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगह पर दूसरे घरों में आश्रय लेने को मजबूर हो गए हैं. वहीं भगवतगढ़ मार्ग पर बनी पुलिया में पानी की निकासी के लिए छोटे पाइप लगाए गए हैं. लेकिन वो पाइप पानी का वेग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे. गांव में पानी भरने से कब्रिस्तान में भी पानी भर गया, जिससे मौत होने पर शव को दफनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों द्वारा पानी की निकासी मार्गों पर अतिक्रमण कर नालियों को बंद कर रखा हुआ है. ऐसे में भारी बरसात के बाद बांध के ओवरफ्लो होने से गांव में घुसा पानी निकल नहीं पा रहा है. वहीं खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो गई हैं. ऐसे विकट हालात में जिला प्रशासन मूकदर्शक की स्थिति में है. बांधों के निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांव के लोगों को अभी 8 से 10 दिनों तक पानी और बाढ़ से निजात नहीं मिलने वाली है.

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ग्रामीण मोहम्मद इमरान का कहना है कि बारिश से करीबन 40 गांव की फैसलें नष्ट हो चुकी हैं. बेजुबान जानवर भी भूखे-प्यासे तड़प रहे हैं. वहीं घरों में रखी खाद्य सामग्री भी पानी से खराब हो चुकी है. वही जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा ने कहा की उनके निरीक्षण के दौरान लोगों ने नालों के किनारे सेफ्टी दीवार सहित कई मांगें की हैं. मुख्यमंत्री मंगलवार तक वापस आएंगे. उसके बाद मुख्यमंत्री प्रभारी साथियों के साथ अतिवृष्टि को लेकर एक मीटिंग आयोजित करेंगे.

प्रभारी सचिव ने कहा कि यह खुशखबरी भी है कि राजस्थान में अच्छी बरसात हुई है, लेकिन भारी बारिश के बाद लोगों के घरों में पानी भरा है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. अतिवृष्टि को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बार सवाई माधोपुर सहित पूरे राज्यभर में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. पिछले 50 से 60 सालो में जिले के सभी बांध भरे हुए हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि बारिश के चलते नाले के पास निचले इलाके और सूरवाल बांध के निचले इलाकों में जो पानी घरों में भरा है, उससे लोगों को काफी परेशानी हुई है.

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