हजारीबागः शहर का ऐसा कोई मोहल्ला या गली नहीं है, जहां आवारा कुत्ते न हो. शहर के सड़कों से लेकर छोटे से छोटे गली मोहल्ले में इनका आतंक चल रहा है. जो हर दिन हर मोहल्ले-गली में किसी न किसी को काटते जरुर हैं. हजारीबार नगर निगम के के पास आवारा कुत्तों का आंकड़ा तक उपलब्ध नहीं है और न ही इस आतंक से कैसे छुटकारा पाया जाए इसे लेकर कोई रणनीति है. पिछले कई सालों से आवारा कुत्तों के आतंक से निपटारा पाने के लिए चर्चा भी की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
शहर के गली मोहल्लों में आवारा कुत्तों का झुंड देखा जा सकता है. कई चौक-चौराहों में कुत्तों का झुंड आक्रमक होता है जो बाइक सवार, पैदल राहगीर या चारपहिया वाहनों के पीछे दौड़ते हैं. इसकी वजह से कई बार दुर्घटना होती है. हजारीबाग में प्रत्येक दिन 40 से 50 डॉग बाइट्स के मामले सामने आ रहे हैं. जनवरी से लेकर अप्रैल तक पूरे जिले में 2650 केस आए हैं. हजारीबाग सिविल सर्जन का भी कहना है कि अगर आवारा कुत्ता काटता है तो अविलंब सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां एंटी रैबीज की वैक्सीन उपलब्ध है.
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार बताते हैं कि कुत्ता अगर काट ले तो सबसे पहले उस जगह पर साफ पानी से धो लें. अस्पताल पहुंच जाए, एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है. वैक्सीन नहीं लेने पर यह जानलेवा भी हो सकता है.
लगातार बढ़ रहे कुत्तों के हमले को लेकर लोगों का यह कहना है कि मटन की दुकानें इसका बड़ा कारण है. परिणामस्वरूप डॉग बाइट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. जल्द ही इनके नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है.
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