जोधपुर: कोलकाता में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से शहर के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्य बहिष्कार चल रहा है. जिसके चलते मरीज और परिजन हलकान हो रहे हैं. दूसरी ओर रेजिडेंट डॉक्टर का जोधपुर एम्स और मेडिकल कॉलेज में धरने प्रदर्शन जारी हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर प्रसंज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स गठन किया है. जिसमें जोधपुर एम्स के निदेशक डा गोवर्धन दत्त पूरी को भी शामिल किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की इस पहल का जोधपुर एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी स्वागत किया है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा खुद दखल देकर सुनवाई करना और टास्क फोर्स का गठन करना स्वागत योग्य है. लेकिन हम यह चाहते हैं कि टास्क फोर्स गठन के साथ ही जिम्मेदारी तय की जाए. क्योंकि इससे पहले भी देश में कई कमेटियां बन चुकी हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट का ऑर्डिनेंस लाकर लागू करे, जिससे हमारा विश्वास बना रहे.
हर दिन टाल रहे ऑपरेशन: इधर हड़ताल के चलते एम्स और मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में हर दिन मरीजों की पीड़ा लगातार बढ़ रही है. यहां हर दिन टल रहे ऑपरेशन अब लगभग होना बंद हो गए हैं. सीनियर डॉक्टर बिना रेजिडेंट का सहयोग के सर्जरी नहीं कर पा रहे हैं. यही कारण है कि मरीज को अब निजी अस्पताल और जोधपुर से बाहर निजी अस्पतालों में उपचार के लिए जाना पड़ रहा है.
निदेशक शामिल हुए टास्क फोर्स में: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाई है. खास तौर से महिला डॉक्टर्स को लेकर कोर्ट ने चिंता जताई. इसके साथ ही देश बड़े चिकित्सा संस्थानों के मुखिया और बड़े नामों को शामिल कर एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क फोर्स कार्यस्थल पर महिला इंटर्न, डॉक्टर व रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ लिंग भेद के आधार पर होने वाली हिंसा रोकने के लिए सुरक्षा उपायों पर अपनी रिपोर्ट देगी. इस टॉस्क फोर्स में जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ गोर्वधन दत्त पुरी को भी शामिल किया गया है. डॉ पुरी इसी वर्ष जोधपुर एम्स के डॉक्टर बनें हैं. टास्क फोर्स का सदस्य बनाए जाने के बाद उन्होंने किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है.
इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने की कवायद: जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद पर सरकार ने मंगलवार को नई नियुक्ति कर दी है. इस नियुक्ति से ठीक पहले कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर अरुण वैश्य ने इमरजेंसी सेवाएं शुरू करवाने के लिए सभी विभाग अध्यक्षों की बैठक ली. रेजिडेंट डॉक्टर के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया और उनसे आग्रह किया गया कि वह इमरजेंसी सेवाएं शुरू करें, जिससे मरीजों की परेशानी कम हो. नवनियुक्त प्राचार्य डॉ भंवर सिंह जोधा ने कहा कि हम सब मिलकर प्रयास कर रहे हैं कि इमरजेंसी सेवाएं बहाल हो जाएं. सरकार का भी सहयोग लिया जा रहा है. डा जोधा ने सुप्रीम कोर्ट की डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए की गई पहल का स्वागत किया.