जयपुर. राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस में बयानबाजी जारी है. अब सरकार की एक बैठक में कुछ डॉक्टर्स ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को विफल बताया तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भड़क गए. उन्होंने कहा कि कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स असत्य बोल रहे हैं. उन्हें अच्छी योजना और पवित्र पेशे को बदनाम करने से बचना चाहिए.
गहलोत ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- ''कल बजट पूर्व चर्चा में किसी डॉक्टर द्वारा मेरे ऑपरेशन पर तथ्यात्मक रूप से गलत बयान मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है. मेरा हार्निया का ऑपरेशन फरवरी, 2019 में हुआ था. जबकि चिरंजीवी योजना मई 2021 से शुरू हुई थी. मेरी आर्टरी में ब्लॉकेज, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर एवं कोविड के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया होने पर इलाज SMS अस्पताल, जयपुर में ही हुआ था. इसके कारण मैं वहां कुछ दिन भर्ती भी रहा और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर ही इलाज करवाया.''
इसे भी पढ़ें - अच्छी खबर : पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा, 1963 पदों पर होगी पटवारियों की सीधी भर्ती - Bhajanlal Government order
चिरंजीवी नहीं होती तो बिक जाती जमीन-जायदाद : अशोक गहलोत ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर कहा- ''चिरंजीवी योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है. अगर ये योजना न होती तो न जाने कितने गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के जमीन-जायदाद इलाज में बिक जाते. निजी अस्पतालों के कुछ डॉक्टरों को ऐसा असत्य बोलकर एक अच्छी योजना एवं मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को को बदनाम करने से बचना चाहिए.''
सरकार लागू करे राइट टू हेल्थ कानून के नियम : पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने स्वास्थ्य का अधिकार कानून भी बनाया था, जिसे लेकर अशोक गहलोत ने कहा- ''हमारी सरकार ने राइट टू हेल्थ का कानून बनाया, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में निशुल्क इलाज हो सके. वर्तमान सरकार को डॉक्टर एसोसिएशन के साथियों को विश्वास में लेकर राइट टू हेल्थ के नियम जल्द से जल्द बनाकर लागू करने चाहिए. जिससे राजस्थान के हर निवासी को इलाज का अधिकार मिले.''
ये है पूरा मामला : दरअसल, बजट को लेकर चल रहे संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स की बैठक ली. इसमें कुछ डॉक्टर्स ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को सदी की सबसे असफल योजना बताया था. साथ ही अशोक गहलोत द्वारा हर्निया का ऑपरेशन मुंबई जाकर करवाने पर भी इस दौरान सवाल खड़े किए गए थे. इसके बाद अब अशोक गहलोत का यह बयान सामने आया है.