नई दिल्लीः दिल्ली मेट्रो के गेट में साड़ी, दुपट्टा या कोई अन्य चीज फंस जाएगी तो मेट्रो नहीं चलेगी. इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मेट्रो में एंटी-ड्रैग फीचर के रेट्रो-फिटमेंट लगवाने का फैसला किया है. पहले इसे पायलट परियोजना के रूप में 5 ट्रेनों में लगाया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सभी मेट्रो में इस फीचर को लगवाया जाएगा. इस फीचर को लगवाने के लिए डीएमआरसी की ओर से विज्ञापन भी जारी किया जा चुका है. पांच मेट्रो में इसे लगवाने के करीब 3.55 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
बीते वर्ष दिसंबर में महिला की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई थी जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हुए थे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए डीएमआरसी की ओर से मेट्रो स्टेशनों के प्लेटफार्म पर सुरक्षा गार्डों को तैनात किया गया था. जिससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किया जा सके. डीएमआरसी के अनुसार, इस नई पहल से होने दुर्घटना से बचा जा सकता है. दिल्ली मेट्रो में कई बार दरवाजा बंद करते समय बेल्ट, कपड़ा, साड़ी या बैग की पट्टियां जैसी वस्तुएं फंस जाती हैं. एंटी-ड्रैग सुविधा इस तरह की परेशानियों से राहत दिलाएगी. इसके साथ ही इसकी मदद से मेट्रो में सामान ले जाने में काफी आसानी होगी और चलती मेट्रो में किसी भी तरह की घटना को रोका जा सकेगा.
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एंट्री ड्रैग के रेट्रो फिटमेंट लगने से चालक को पता चल जाएगा कि किस कोच के गेट में क्या चीज फंसा हुआ है. इसके बाद गेट घुल जाएगा और दोबारा बंद होगा इसके बाद ही मेट्रो चलेगी. इस व्यवस्था के लागू होने से सुरक्षा और बढ़ जाएगी. वर्तमान में दिल्ली में करीब 65 लाख लोग रोजाना मेट्रो से सफर करते हैं. मेट्रो दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन बन चुकी है. क्योंकि ट्रांसपोर्ट का एक यही माध्यम है जो यात्रियों को समय से उनके गंतव्य तक पहुंचाता है.
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