नालंदा: बिहार के नालंदा में नवजात की मौत मामले में डीएम शशांक शुभंकर ने बिहारशरीफ सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. दरअसल, बीते दिन अस्पताल में एक बच्चे का जन्म हुआ था. उसके बाद उसे आशाकर्मी निजी क्लीनिक में इलाज के लिए ले गई, जहां उसकी मौत हो गई. बच्चे के परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि उनकी लापरवाही की वजह से नवजात की जान चली गई. इस मामले में डीएम ने कहा कि जांच के बाद बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी और जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनको जेल भेजा जाएगा.
एसएनसीयू वार्ड से पहुंचाया निजी क्लीनिक: बता दें कि 17 जनवरी को अस्थावां थाना क्षेत्र के मुल्ला बीघा गांव निवासी युवराज कुमार की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया था. महिला को ऑपरेशन के बाद बच्चा हुआ जिसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां से आशाकर्मी बच्चे को निजी क्लीनिक ले गई. जहां 50 हजार से भी अधिक राशि चिकित्सक द्वारा वसूले जाने के बाद बच्चा को हायर सेंटर रेफर किया गया, जिसके बाद परिजनों ने देखा की बच्चा की मौत हो गई है.
डीएम ने लगाई अस्पताल कर्मियों को फटकार: दूसरे दिन निगरानी समिति द्वारा बच्चे के परिवार से सदर अस्पताल की व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए कॉल फोन किया गया. जिस पर परिवार के लोगों ने आपबीती बताई और मामला निगरानी समिति के पास पहुंच गया. मामले में उप विकास आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी दी गई. उप विकास आयुक्त ने जांच कर इसकी रिपोर्ट डीएम को दी. रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने खुद सदर अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की और कई कर्मियों को फटकार लगाई.
"इस मामले में बड़ी कार्यवाई की जा रही है और दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा. उप विकास आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे एक जांच रिपोर्ट मिली है."- शशांक शुभंकर, डीएम, नालंदा