जयपुर : पिछली सरकार अंग्रेजी स्कूल पर जोर देती थी, लेकिन हमारी सरकार की ओर से दृढ़ता के साथ हिंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है. शनिवार को राज्य स्तरीय हिंदी दिवस समारोह में शिरकत करते हुए दीया कुमारी ने ये बात कही. साथ ही कहा कि गुलामी की मानसिकता का असर है कि कई बार कोई इंग्लिश नहीं जानता तो लगता है कि ये तो पढ़ा लिखा ही नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है. पढ़ा लिखा होना और इंग्लिश जानना दोनों अलग-अलग हैं. दूसरे देश के लोग अपनी मातृभाषा पर गर्व करते हैं फिर हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व क्यों नहीं ?
जयपुर स्थित सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य सभागार में शनिवार को राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की ओर से राज्य स्तरीय हिंदी दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि हम हिंदी भाषी हैं. हिंदी भाषा जन-जन की भाषा है, जो भारत को एकता के सूत्र में बांधती है. हमें राष्ट्र पर गर्व है, तो हमें राष्ट्र की भाषा हिंदी पर भी गर्व होना चाहिए. अंग्रेजी न जानने पर आत्म विश्वास में कोई कमी नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ एक भाषा या विषय नहीं बल्कि हमारी पहचान है, भावों की अभिव्यक्ति है, एक विस्तृत विचारधारा, सोच और हमारी संस्कृति है. जब भी हम देश के बाहर कहीं जाते हैं और वहां किसी भारतवासी से मिलना होता है और जब उनसे हिंदी में बात करते हैं तो बड़ी ही आत्मीयता और अपनापन का अनुभव होता है.
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दैनिक जीवन में हिंदी का उपयोग करें : इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि विकसित भारत की यात्रा में हिंदी सफलता का माध्यम सिद्ध होगी. साथ ही कहा कि उनकी सरकार हिंदी को बढ़ावा देने में विश्वास रखती है. हिंदी को पढ़ाई का माध्यम बनाने पर जोर दे रही है. पिछली सरकार अंग्रेजी स्कूल पर जोर देती थी, लेकिन उनकी सरकार की ओर से दृढ़ता के साथ हिंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने युवाओं और छात्रों का आह्वान किया कि वे अपने दैनिक जीवन में हिंदी का उपयोग करें और खासकर सोशल मीडिया पर भी हिंदी को बढ़ावा दें.
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद रहे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर लालायित रहते हैं, लेकिन अब हमें हिंदी भाषा की ओर अग्रसर होना होगा. हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति की धरोहर है. हिंदी हमारे राष्ट्र का गौरव है. हमें हिंदी को व्यापक बनाना होगा. हिंदी भाषा के उपयोग के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इस दौरान स्कूल शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस वर्ष 12वीं कक्षा में सर्वाधिक छात्रों ने हिंदी विषय का चुनाव किया है. संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया. हिंदी केवल भारत की ही भाषा नहीं है बल्कि ये विश्व की भाषा बन गई है. कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लेखकों और साहित्यकारों को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और ₹50000 का चेक देकर सम्मानित किया गया. साथ ही हिंदी में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को भी संभागवार पुरस्कार किया गया.