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Rajasthan: डीडवाना में इस अनूठी परंपरा के साथ मनाई जाती है दिवाली

डीडवाना में महिलाएं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सामने दिवाली की पूर्व संध्या पर रंगोली बनाती है. यह परम्परा बरसों से चली आ रही है.

Rangoli on Diwali
दुकानों के सामने रंगोली बनाती महिलाएं (Photo ETV Bharat Kuchamancity)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

कुचामनसिटी: डीडवाना जिला मुख्यालय पर दीपावली से जुड़ी एक अनोखी परम्परा है. यह सैकड़ों बरसों से जारी है. खास बात यह है कि यह परम्परा पूरे भारत में केवल डीडवाना में ही है. यहां दीपावली की पूर्व संध्या पर महिलाएं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर जाती हैं और रंगोलियां बनाती हैं. इसे आम बोलचाल में मांडणे भी कहते हैं.

व्यापारी शंकर परसावत ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि महिलाओं द्वारा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर रंगोली बनाने से व्यापार में समृद्धि आती है. महिलाएं पूरी लगन से रंगोली बनाती है. इसके बाद घर की बड़ी महिलाएं उन्हें शगुन देती है. महिलाएं जब शादी के बाद ससुराल आती है तो सास से उन्हें यह रिवाज विरासत में मिलता है.

पढ़ें: दो सहेलियों की मेहनत को बयां करती रेडीमेड रंगोली, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं का भी बनी सहारा

माना ये भी जाता है कि पुराने दौर में महिलाओं और पुरुषों में बराबरी का भाव दर्शाने के लिए भी इस परंपरा की शुरूआत की गई. उस दौर में जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल होता था, तब डीडवाना की इस अनोखी परंपरा को महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली पहल कहा जा सकता है.

खुद को करती है गौरवान्वित : गृहिणी शिल्पा मोठ कहती हैं कि डीडवाना की महिलाएं इस परंपरा से जुड़कर खुद को गौरवान्वित महसूस करती है. महिलाओं में एक दूसरे की बनाई रंगोली से प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है. डीडवाना की नगरपरिषद सबसे खूबसूरत रंगोली बनाने वाली महिलाओं को पुरस्कार देती है.पूरा शहर भी रंगोलियों की सजावट देखने बाजारों में उमड़ पड़ता है.

कुचामनसिटी: डीडवाना जिला मुख्यालय पर दीपावली से जुड़ी एक अनोखी परम्परा है. यह सैकड़ों बरसों से जारी है. खास बात यह है कि यह परम्परा पूरे भारत में केवल डीडवाना में ही है. यहां दीपावली की पूर्व संध्या पर महिलाएं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर जाती हैं और रंगोलियां बनाती हैं. इसे आम बोलचाल में मांडणे भी कहते हैं.

व्यापारी शंकर परसावत ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि महिलाओं द्वारा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर रंगोली बनाने से व्यापार में समृद्धि आती है. महिलाएं पूरी लगन से रंगोली बनाती है. इसके बाद घर की बड़ी महिलाएं उन्हें शगुन देती है. महिलाएं जब शादी के बाद ससुराल आती है तो सास से उन्हें यह रिवाज विरासत में मिलता है.

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माना ये भी जाता है कि पुराने दौर में महिलाओं और पुरुषों में बराबरी का भाव दर्शाने के लिए भी इस परंपरा की शुरूआत की गई. उस दौर में जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल होता था, तब डीडवाना की इस अनोखी परंपरा को महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली पहल कहा जा सकता है.

खुद को करती है गौरवान्वित : गृहिणी शिल्पा मोठ कहती हैं कि डीडवाना की महिलाएं इस परंपरा से जुड़कर खुद को गौरवान्वित महसूस करती है. महिलाओं में एक दूसरे की बनाई रंगोली से प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है. डीडवाना की नगरपरिषद सबसे खूबसूरत रंगोली बनाने वाली महिलाओं को पुरस्कार देती है.पूरा शहर भी रंगोलियों की सजावट देखने बाजारों में उमड़ पड़ता है.

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