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भूखंड का कब्जा नहीं देने पर जेडीए पर लगाया 25 हजार रुपए का हर्जाना - District Consumer Commission

जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर प्रथम ने एक परिवाद पर सुनवाई करते हुए भूखंड का कब्जा नहीं देने पर जेडीए पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

IMPOSED A FINE OF RS 25 THOUSAND,  FINE OF RS 25 THOUSAND ON JDA
जेडीए पर लगाया 25 हजार रुपए का हर्जाना.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 27, 2024, 9:04 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-प्रथम ने 14 साल में भी अमृत कुंज योजना की लॉटरी में निकले आवासीय भूखंड का कब्जा आवंटी को नहीं देने को गंभीर सेवादोष करार दिया है. आयोग ने भूखंड का कब्जा नहीं देने पर जेडीए पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए कहा कि विपक्षी के सेवादोष के कारण परिवादी अपनी बड़ी जमा राशि के उपयोग से भी वंचित रहा है. ऐसे में जेडीए उसे जमा राशि 9,87,800 रुपए 16 जून 2021 से 6 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाए. आयोग के अध्यक्ष सूबेसिंह यादव व सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश मनफूल बैरवा के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि जेडीए ने वर्ष 2010 में कालवाड़ रोड पर आवासीय योजना अमृत कुंज में भूखंड आवंटन के लिए आवेदन मांगे. इसमें परिवादी ने भी आवेदन किया और 8 सितम्बर, 2010 को लॉटरी से उसे 225 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया. उसने 25 हजार रुपए जमा करा दिए और 22 मार्च को उसे आवंटन पत्र भी जारी हो गया. उसने 4 अप्रैल, 2013 को 9,36,700 रुपए जमा करा दिए, लेकिन जेडीए ने कानूनी विवाद के चलते यह भूखंड निरस्त कर 2019 में उसे मौजूदा भूखंड से 25 वर्गमीटर कम क्षेत्रफल का नया भूखंड आवंटित किया, लेकिन इस भूखंड का भी कब्जा नहीं दिया.

पढ़ेंः शादी रद्द होने के बाद भी बुकिंग राशि नहीं लौटाई, रिसोर्ट पर लगाया 70 हजार रुपए हर्जाना - District Consumer Commission

इसे उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए जेडीए से जमा राशि हर्जा-खर्चा सहित दिलाने का आग्रह किया. जेडीए ने जवाब में कहा कि आवासीय योजना में कानूनी विवाद आ गया था और उसका उन पर कोई नियंत्रण नहीं है. अब अमृत कुंज द्वितीय योजना में परिवादी को आवंटन की तैयारी कर रहे हैं. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर परिवादी के पक्ष में फैसला देकर जेडीए पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए उसे जमा राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-प्रथम ने 14 साल में भी अमृत कुंज योजना की लॉटरी में निकले आवासीय भूखंड का कब्जा आवंटी को नहीं देने को गंभीर सेवादोष करार दिया है. आयोग ने भूखंड का कब्जा नहीं देने पर जेडीए पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए कहा कि विपक्षी के सेवादोष के कारण परिवादी अपनी बड़ी जमा राशि के उपयोग से भी वंचित रहा है. ऐसे में जेडीए उसे जमा राशि 9,87,800 रुपए 16 जून 2021 से 6 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाए. आयोग के अध्यक्ष सूबेसिंह यादव व सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश मनफूल बैरवा के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि जेडीए ने वर्ष 2010 में कालवाड़ रोड पर आवासीय योजना अमृत कुंज में भूखंड आवंटन के लिए आवेदन मांगे. इसमें परिवादी ने भी आवेदन किया और 8 सितम्बर, 2010 को लॉटरी से उसे 225 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया. उसने 25 हजार रुपए जमा करा दिए और 22 मार्च को उसे आवंटन पत्र भी जारी हो गया. उसने 4 अप्रैल, 2013 को 9,36,700 रुपए जमा करा दिए, लेकिन जेडीए ने कानूनी विवाद के चलते यह भूखंड निरस्त कर 2019 में उसे मौजूदा भूखंड से 25 वर्गमीटर कम क्षेत्रफल का नया भूखंड आवंटित किया, लेकिन इस भूखंड का भी कब्जा नहीं दिया.

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इसे उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए जेडीए से जमा राशि हर्जा-खर्चा सहित दिलाने का आग्रह किया. जेडीए ने जवाब में कहा कि आवासीय योजना में कानूनी विवाद आ गया था और उसका उन पर कोई नियंत्रण नहीं है. अब अमृत कुंज द्वितीय योजना में परिवादी को आवंटन की तैयारी कर रहे हैं. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर परिवादी के पक्ष में फैसला देकर जेडीए पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए उसे जमा राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है.

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