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अक्षय तृतीया पर कलेक्टर ने की बाल विवाह रोकने की अपील, बोले - छोटे बच्चे-बच्चियों के साथ है विश्वासघात - child marriage in bhilwara - CHILD MARRIAGE IN BHILWARA

भीलवाड़ा जिले में इस माह दो अबूझ सावे हैं. इन सावों पर बाल विवाह की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. जिला कलक्टर नमित मेहता ने अपने सभी अधिकारियों को फील्ड में रहकर जानकारी जुटाने और बाल विवाह की रोकथाम के निर्देश दिए हैं. साथ ही ईटीवी भारत के माध्यम से बाल विवाह नहीं करने की अपील भी जारी की है.

District Collector namit mehta
जिला कलक्टर नमित मेहता (photo etv bharat bhilwara)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 9, 2024, 11:06 AM IST

जिला कलेक्टर की अपील (video etv bharat bhiwara)

भीलवाड़ा. जिले में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर जिला कलक्टर नमित मेहता अलर्ट मोड पर है. जिले में अक्षय तृतीया और बैशाख शुद्धी पूर्णिमा बाल विवाह होने की संभावना रहती है. इसे लेकर जिला कलक्टर ने पहले से ही अधिकारियों को फील्ड में रहकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अभिभावकों के नाम एक अपील भी जारी की है. इसमें जिला कलक्टर ने कहा कि बाल विवाह अभिशाप है और यह छोटे बच्चे बच्चियों के साथ विश्वासघात है, इसलिए बाल विवाह नहीं करें.

अक्षय तृतीया को बाल विवाह नहीं हो जिसको लेकर भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि बाल विवाह अभिशाप है. बाल विवाह नहीं करें. उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया व वैशाख शुदी पूर्णिमा (पीपल पूर्णिमा) राजस्थान में अबूझ सावे माने जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अबूझ सावे के मौके पर काफी शादी विवाह समारोह का आयोजन होता है. इन सावों पर कभी कभार बाल विवाह की सूचनाएं भी आती है. इसलिए बाल विवाह की रोकथाम को लेकर भीलवाड़ा जिला प्रशासन मुस्तैद है.

पढ़ें: बाल विवाह कराने के लिए ई-मित्र संचालक का बड़ा कारनामा, नाबालिग को दस्तावेजों में बनाया बालिग

एसडीएम पाबंद: जिला कलक्टर ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि जिले के तमाम एसडीएम व पुलिस अधिकारियों को पाबंद किया है. उन्हें बाल विवाह की सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है. अधिकारियों को फील्ड में रहकर सावधानी बरतने को कहा गया है. प्रशासनिक व पुलिस की टीम को चाक चौबंद किया गया है.

पंच सरपंच भी होंगे जिम्मेदार: जिला कलक्टर ने बताया कि उच्च न्यायालय ने भी एक निर्णय में कहा है कि बाल विवाह को लेकर पंच व सरपंच की जिम्मेदारी भी रहेगी. इसलिए उन्हें भी इस बारे में ध्यान रखना होगा. मेहता ने कहा कि मैं ईटीवी भारत के माध्यम से सभी से कहना चाहूंगा कि बाल विवाह अपराध है. यह छोटे बच्चे -बच्चियों के साथ विश्वास घात की तरह है. ऐसे में कोई भी बाल विवाह नहीं करें. बाल विवाह छोटे बच्चे बच्चियों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भी उचित नहीं है. इसलिए न तो कोई खुद बाल विवाह करें और न ही करवाएं. यदि कोई बाल विवाह कर रहा हो तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दें. इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. उसके नंबर जारी कर रखे हैं.

जिला कलेक्टर की अपील (video etv bharat bhiwara)

भीलवाड़ा. जिले में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर जिला कलक्टर नमित मेहता अलर्ट मोड पर है. जिले में अक्षय तृतीया और बैशाख शुद्धी पूर्णिमा बाल विवाह होने की संभावना रहती है. इसे लेकर जिला कलक्टर ने पहले से ही अधिकारियों को फील्ड में रहकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अभिभावकों के नाम एक अपील भी जारी की है. इसमें जिला कलक्टर ने कहा कि बाल विवाह अभिशाप है और यह छोटे बच्चे बच्चियों के साथ विश्वासघात है, इसलिए बाल विवाह नहीं करें.

अक्षय तृतीया को बाल विवाह नहीं हो जिसको लेकर भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि बाल विवाह अभिशाप है. बाल विवाह नहीं करें. उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया व वैशाख शुदी पूर्णिमा (पीपल पूर्णिमा) राजस्थान में अबूझ सावे माने जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अबूझ सावे के मौके पर काफी शादी विवाह समारोह का आयोजन होता है. इन सावों पर कभी कभार बाल विवाह की सूचनाएं भी आती है. इसलिए बाल विवाह की रोकथाम को लेकर भीलवाड़ा जिला प्रशासन मुस्तैद है.

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एसडीएम पाबंद: जिला कलक्टर ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि जिले के तमाम एसडीएम व पुलिस अधिकारियों को पाबंद किया है. उन्हें बाल विवाह की सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है. अधिकारियों को फील्ड में रहकर सावधानी बरतने को कहा गया है. प्रशासनिक व पुलिस की टीम को चाक चौबंद किया गया है.

पंच सरपंच भी होंगे जिम्मेदार: जिला कलक्टर ने बताया कि उच्च न्यायालय ने भी एक निर्णय में कहा है कि बाल विवाह को लेकर पंच व सरपंच की जिम्मेदारी भी रहेगी. इसलिए उन्हें भी इस बारे में ध्यान रखना होगा. मेहता ने कहा कि मैं ईटीवी भारत के माध्यम से सभी से कहना चाहूंगा कि बाल विवाह अपराध है. यह छोटे बच्चे -बच्चियों के साथ विश्वास घात की तरह है. ऐसे में कोई भी बाल विवाह नहीं करें. बाल विवाह छोटे बच्चे बच्चियों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भी उचित नहीं है. इसलिए न तो कोई खुद बाल विवाह करें और न ही करवाएं. यदि कोई बाल विवाह कर रहा हो तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दें. इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. उसके नंबर जारी कर रखे हैं.

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