कोटा. केंद्र सरकार की ओर से हाल में कोचिंग के संबंध में जारी गाइडलाइन को लेकर कोटा जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने आदेश जारी किए हैं. इसके तहत सभी कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों को केंद्र सरकार की गाइडलाइन की अक्षरशः पालना की हिदायत दी गई है. इसके पहले 28 फरवरी को हायर एजुकेशन विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार ने आदेश जारी किए थे. इसमें केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2000 के तहत गाइडलाइन फॉर रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन कोचिंग सेंटर 2024 की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए. इसके तहत 16 साल की उम्र से कम विद्यार्थियों को कोचिंग में प्रवेश नहीं देने और कक्षा दसवीं के बाद ही विद्यार्थियों को संस्थानों में प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है.
नई पॉलिसी में यह दिए गए हैं निर्देश
- नई गाइडलाइन के अनुसार 50 से अधिक बच्चों के प्रवेश वाले संस्थान को कोचिंग माना जाएगा.
- बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह की व्यवस्था होगी. कोचिंग में रजिस्टर्ड विद्यार्थियों के अनुसार प्रत्येक को एक स्क्वायर फीट एरिया होना जरूरी है.
- विद्यार्थी के स्कूल समय के दौरान कोचिंग नहीं की जा सकेगी.
- कोचिंग संस्थानों की नई गाइडलाइन के तहत एक दिन में 5 घंटे से अधिक की क्लास नहीं लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा क्लास सुबह जल्दी और देर शाम तक संचालित नहीं की जाए.
- 16 साल की उम्र या दसवीं की क्लास पूरी करने के बाद ही विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाए.
- प्रवेश के तहत विद्यार्थियों को अन्य विकल्प भी बताए जाएं. इनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस के अलावा विद्यार्थी किस फील्ड में अच्छा कर सकता है, यह भी जानकारी देनी होगी. उसे हर फील्ड के करियर ऑप्शन भी बताने होंगे.
- सार्वजनिक अवकाश और त्यौहार पर कोचिंग संस्थान को छुट्टी देनी होगी.
- नई गाइडलाइन भी यह भी चेतावनी दी गई है कि किसी भी तरह का भ्रामक प्रचार या फिर सफलता की गारंटी नहीं दी जा सकती है. कोई भी कोचिंग संस्थान यह दावा नहीं करेगा कि वह बच्चे का 100 फीसदी सिलेक्शन करवा देगा.
- कोचिंग संस्थान में लिए जाने वाले टेस्ट का परिणाम सार्वजनिक नहीं करना है.
- छात्र किसी भी समय कोर्स को छोड़ता है, तो 10 दिन में कोचिंग संस्थान को फीस वापस लौटना होगी.
नियम की अनदेखी पर होगी कार्रवाई : आदेश में बताया है कि नियमों की अवहेलना करने वाले कोचिंग संस्थानों पर पहली बार 25 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, दूसरी बार नियम की अनदेखी करने पर एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है.अगर तीसरी बार गाइडलाइन की अवहेलना होती है, तो संस्थान का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.