विकासनगर: मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दे दी है. मौसम विभाग ने इस मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी भी दी है. इसी कड़ी में जौनसार बावर क्षेत्र आपदा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील है. पिछली बरसात में जहां अमलावा नदी के उफान में आने से कई हेक्टेयर कृषि भूमि सहित आवासीय मकान और गौशालाएं बह गई थीं. कालसी के व्यास नहरी में भी काफी नुकसान और जलभराव से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. वहीं बरसात में कई विद्यालयों में छात्रों को भी जर्जर भवनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मानसूनी बारिश में मुख्य मार्गों सहित ग्रामीण मार्ग भी अधिकार भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो जाते हैं. इसको लेकर सभी विभागों को अपडेट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
एसडीएम योगेश सिंह मेहरा ने कहा कि जौनसार बावर क्षेत्र परगना चकराता के अंर्तगत कालसी, चकराता, त्यूणी तीनों तहसीलों में तहसील कंट्रोल रूम की स्थापना की है. दैवीय आपदा आने की स्थिति में जो उपकरण इत्यादि तहसील स्तर पर रखे होते हैं उनके लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, पीडब्ल्यूडी समेत सभी को अपडेट करने के लिए कहा गया है. आपदा के दौरान क्षेत्र में सड़कें काफी संख्या में बाधित रहती हैं. मुख्य मार्ग और लिंक रोड्स बाधित रहती हैं. इस कारण परिवहन बाधित होता है. ऐसे जो स्लाइड जोन हैं, उन्हें चिन्हित भी किया गया है. वहां पर एक स्थाई तौर पर मानसून सीजन में जेसीबी तैनाती की व्यवस्था कर दी गई है.
एसडीएम ने कहा कि हमारे क्षेत्र नदी के आसपास भी हैं. संवेदनशील अमलावा नदी और कालसी में व्यास नहरी के आसपास का क्षेत्रों में ऐसे परिवारों और घरों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर जलस्तर बढ़ने से समस्या उत्पन्न हो सकती है. ताकि उनको ऐसी स्थिति में अलर्ट किया जा सके और सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके. उन्होंने कहा कि प्राइमरी विद्यालय सहिया सहित जितने भी स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं, जिनके कारण किसी प्रकार की दुर्घटना हो सकती है, ऐसे विद्यालयों का चिन्हीकरण करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को कहा गया है.