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होली पर माली समाज की 'गैर' की अनूठी परंपरा, जहां राम-लक्ष्मण और रावण एक साथ आते हैं नजर - Holi 2024

Gair Tradition On holi, सोमवार को पूरे देशभर में होली का त्योहार मनाया जाएगा. इस त्योहार से कई तरह की परंपराएं जुड़ी हैं. इन्हीं में से एक है डीडवाना में माली समाज की ओर से की जाने वाली गैर. करीब 400 सालों से चली आ रही परंपरा आज भी होली के दिन जीवंत हो उठती है. आइए जानते हैं क्या है ये परंपरा...

Mali Samaj Gair Tradition
Mali Samaj Gair Tradition
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 24, 2024, 8:32 PM IST

होली पर माली समाज की 'गैर' की अनूठी परंपरा...

डीडवाना. भारत में होली अलग-अलग तरह से मनाई जाती है. होली से जुड़ी कई अनूठी परंपराएं भी हैं. इन्हीं में एक है डीडवाना में माली समाज की 'होली की गैर' की परंपरा. ये परंपरा करीब 400 सालों से चली आ रही है, जिसे आज भी शहरवासी जिंदा रखे हुए हैं.

शहरवासी नंदकिशोर तूनवाल ने बताया कि माली समाज की ओर से होली पर की जाने वाली गैर में भगवान राम, लक्ष्मण के साथ ही लंकापति रावण भी दिखाई देंगे. भगवाधारी भी नजर आएंगे और भिन्न-भिन्न प्रकार की वेशभूषा पहनकर स्वांग रचते हुए कलाकार भी दिखाई देंगे. यह सब आपको एक ही जगह पर, एक साथ, केवल एक दिन के लिए दिखाई देंगे.

पढ़ें : जयपुर की इस मशहूर गुलाल को बनाते हैं मुस्लिम कारीगर, होली पर कभी राजपरिवार की शान था 'गुलाल गोटा', आज दुनियाभर में पहचान

ऐसी होती है गैर : स्थानीय निवासी हनुमानराम कच्छावा ने बताया कि डीडवाना में आज भी होली केवल त्योहार नहीं बल्कि जुनून बनी हुई है. होली पर डीडवाना के माली समाज के 12 बासों की ओर से धुलंडी के दिन निकाली जाने वाली यह गैर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. इसके तहत माली समाज की ओर से पूरे डीडवाना शहर में गैर निकाली जाती है, जिसमें माली समाज के लोग अलग-अलग तरह के पोशाक पहनकर और स्वांग रचकर लोगों का मनोरंजन करते हैं. यहां हजारों लोग एक साथ इकट्ठा होकर होली खेलते हैं. यह गैर पूरे नगर का भृमण करते हुए गुजरती है. शहर के लोग इसका स्वागत करते हैं. माली समाज में यह अनूठी परम्परा सालों से चली आ रही है. इस गैर का अंतिम पड़ाव आडकाबास में होता है, जहां श्रेष्ठ तीन गैरों को नगर परिषद की ओर से पुरस्कृत किया जाता है.

होली पर माली समाज की 'गैर' की अनूठी परंपरा...

डीडवाना. भारत में होली अलग-अलग तरह से मनाई जाती है. होली से जुड़ी कई अनूठी परंपराएं भी हैं. इन्हीं में एक है डीडवाना में माली समाज की 'होली की गैर' की परंपरा. ये परंपरा करीब 400 सालों से चली आ रही है, जिसे आज भी शहरवासी जिंदा रखे हुए हैं.

शहरवासी नंदकिशोर तूनवाल ने बताया कि माली समाज की ओर से होली पर की जाने वाली गैर में भगवान राम, लक्ष्मण के साथ ही लंकापति रावण भी दिखाई देंगे. भगवाधारी भी नजर आएंगे और भिन्न-भिन्न प्रकार की वेशभूषा पहनकर स्वांग रचते हुए कलाकार भी दिखाई देंगे. यह सब आपको एक ही जगह पर, एक साथ, केवल एक दिन के लिए दिखाई देंगे.

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ऐसी होती है गैर : स्थानीय निवासी हनुमानराम कच्छावा ने बताया कि डीडवाना में आज भी होली केवल त्योहार नहीं बल्कि जुनून बनी हुई है. होली पर डीडवाना के माली समाज के 12 बासों की ओर से धुलंडी के दिन निकाली जाने वाली यह गैर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. इसके तहत माली समाज की ओर से पूरे डीडवाना शहर में गैर निकाली जाती है, जिसमें माली समाज के लोग अलग-अलग तरह के पोशाक पहनकर और स्वांग रचकर लोगों का मनोरंजन करते हैं. यहां हजारों लोग एक साथ इकट्ठा होकर होली खेलते हैं. यह गैर पूरे नगर का भृमण करते हुए गुजरती है. शहर के लोग इसका स्वागत करते हैं. माली समाज में यह अनूठी परम्परा सालों से चली आ रही है. इस गैर का अंतिम पड़ाव आडकाबास में होता है, जहां श्रेष्ठ तीन गैरों को नगर परिषद की ओर से पुरस्कृत किया जाता है.

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