नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में डायरिया ने जानलेवा रूप अख्तियार कर लिया है. डायरिया से एक ही परिवार के दो बच्चों समेत तीन बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है. लोगों ने नगर निगम को कटघरे में खड़ा किया है. डायरिया से दो सगी बहनों समेत तीन बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है. घटना के पांच दिन बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है और मेडिकल टीम गांव पहुंचकर डायरिया से ग्रसित लोगों का इलाज कर रही है.
नालंदा में डायरिया से तीन बच्चों की मौत: नालंदा मुख्यालय बिहारशरीफ प्रखंड के वार्ड संख्या 47 के काको बिगहा में विगत दो दिनों में डायरिया की चपेट में आने से तीन बच्चों की मौत हो गई है. इनमें एक ही परिवार के दो बच्चे भी शामिल हैं. मृतकों में रंजीत पांडे की बेटी परिधि कुमारी (5) और परी कुमारी है. जबकि कारू सिंह के बेटे गोलू कुमार (11) की भी डायरिया से मौत हो गई है.
बच्चियों को उल्टी-दस्त की शिकायत: परी और परिधि के दादा मोती लाल पांडे ने बताया कि बच्चियों को उल्टी-दस्त की शिकायत पर निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के बाद एक बच्ची की गुरुवार को जबकि दूसरी बच्ची की शुक्रवार को मौत हो गई. इलाज के दौरान डॉक्टर ने कहा कि दोनों बच्चियों को डायरिया हो गया है. बेहतर इलाज के लिए पटना ले जाना पड़ेगा, लेकिन पैसे के अभाव में पटना नहीं ले जा सके और एक-एक कर घर की दो बच्चियों ने दम तोड़ दिया. जबकि परी और परिधि की बहन अंजलि की भी तबीयत खराब हो गई है, जिसे इलाज के लिए शुक्रवार को भर्ती कराया गया है.
ब्लीचिंग का छिड़काव: जिला प्रशासन को मिली तो उन्होंने स्वास्थ टीम को जांच के लिए भेज साफ़ सफाई और ब्लीचिंग का छिड़काव करवाया है. बच्चों की मौत के बाद मेडिकल टीम तैनात की गई है. गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की तैनाती की गई.
"सूचना मिलने के बाद मेडिकल टीम को तैनात किया गया है. 50 लोगों को दवा दी गई है. लोगों को साफ-सफाई का ख्याल करते हुए पानी उबाल कर पीने की सलाह दी है."-डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह, सीएस, नालंदा
नहीं मिल रही सरकारी सुविधा: ग्रामीणों ने बताया कि रक्षाबंधन से पहलेडायरिया का प्रकोप पूरे गांव में फैला हुआ है. किसी भी प्रकार की सरकारी स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में भी डायरिया पीड़ितों का इलाज बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है. एक दर्जन से ज्यादा लोग डायरिया से पीड़ित है. किसी प्रकार लोग अपने स्तर से निजी क्लीनिक में डायरिया पीड़ित मरीज का इलाज करा रहे हैं.
नलजल के पाइप में कई जगह लीकेज: ग्रामीणों ने बतायी कि पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है. निगम के अधिकारियों को कई बार इस बारे में कहा गया है, लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है. वर्तमान समय में जो नल से जल लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. उसमें कई जगह लीकेज हो गया है. इसके कारण नाली का गंदा पानी भी पाइप में प्रवेश कर जाता है. वही पानी लोगों को पीना पड़ रहा है.
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