जयपुर: राजधानी जयपुर के अब ज्वैलरी और डायमंड की जांच हो सकेगी. एमआई रोड पर डायमंड्स और ज्वैलरी की जांच-प्रमाण के लिए सर्टिफिकेशन लैब की शुरुआत हुई है. इससे पहले ज्वैलरी और डायमंड जांच के लिए राजस्थान से बाहर भेजने पड़ते थे. इसे लेकर एचआरडी एंटवर्प ने जयपुर में अपने नए केंद्र (सर्टिफिकेशन लैब) की शुरुआत की है.
इस सर्टिफिकेशन लैब की शुरुआत होने से ज्वैलरी और डायमंड इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी. एचआरडी एंटवर्प एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो ज्वैलरी और डायमंड की जांच, प्रमाणन और मूल्यांकन से जुड़ी सेवाएं प्रदान करती हैं. एचआरडी एंटवर्प इंडिया के एमडी रमाकांत मितकर ने बताया कि राजस्थान की ज्वैलरी और डायमंड दुनिया भर में प्रसिद्ध है लेकिन इससे पहले ज्वैलरी और डायमंड सर्टिफिकेशन को लेकर कोई व्यवस्था राजस्थान में नहीं थी, लेकिन अब व्यापारी ज्वैलरी और डायमंड की जांच जयपुर में भी करवा सकेंगे. हमारी कोशिश रहेगी कि जयपुर के स्थानीय व्यापारियों को जोड़ा जाए.
ज्वेलरी इंडस्ट्री की बड़ी भागीदारी: राजस्थान में तैयार होने वाली ट्रेडिशनल ज्वैलरी और डायमंड्स पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है और राजस्थान से ज्वैलरी से जुड़े उत्पाद बाहरी देशों में भी निर्यात किए जाते हैं. आंकड़ों की बात करें तो रत्न एवं आभूषण उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो राजस्थान के जीडीपी का 17 प्रतिशत है. इसके अलावा बड़ी संख्या में रोजगार भी इस क्षेत्र में लगातार उत्पन्न हो रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर साल जयपुर में जयपुर ज्वैलरी शो का आयोजन किया जाता है. जहां देशभर से आए ज्वैलर्स भाग लेते हैं. वहीं ज्वेलरी कारोबारियों की ओर से कई बार मांग रखी गई है कि विश्व का सबसे बड़ा जेम बोर्स जयपुर में स्थापित किया जाना चाहिए.
10 से 12 हजार करोड़ का कारोबार: रमाकांत मितकर का कहना है कि राजस्थान आज ज्वैलरी और डायमंड के क्षेत्र में अलग पहचान रखता है. आंकड़ों की बात करें तो हर साल राजस्थान से 10-12 हजार करोड़ के ज्वैलरी विश्व के अलग-अलग देशों में एक्सपोर्ट की जाती है. क्योंकि जयपुर में तैयार हुई ज्वैलरी को काफी पसंद किया जाता है और पिछले कुछ सालों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ा है.