धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में इस्लामिक परंपराओं के अनुसार संपन्न हुए एक निकाह की चर्चा सिर्फ धार में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है. यहां बड़ी सादगी के साथ बारातियों और महमानों के लिए अच्छे पकवान की जगह सिर्फ एक ग्लास शरबत और खजूर खिलाकर एक मुस्लिम परिवार ने बगैर फिजूलखर्ची किए अपनी बिटिया का निकाह किया, जो की चर्चा का विषय बनी हुई है.
बिना बैंड-बाजा के हुई शादी
शाज़ापुर निवासी नौशाद मंसूरी अपने बेटे की बारात में चंद बाराती लेकर धार निवासी अब्दुल कलाम मंसूरी के घर पंहुचे. जब बारात धार पहुंची तो बारातियों का स्वागत व सम्मान शरबत पिलाकर किया गया और निकाह के बाद उन्हें खजूर खिलाया गया. इस सादगी भरे निकाह को देखकर बाराती बहुत खुश होकर दुल्हन को साथ लेकर खुशी से वापस अपने घर लौट गए.
सुन्नत पर अमल कर बेटी की शादी की
दुल्हन के पिता अब्दुल कलाम ने कहा कि "हमने नबी-ए-पाक की सुन्नत पर अमल करते हुए हमारी बेटी की शादी की है. हमारे नबी ने फरमाया की निकाह को आसान बनाओ, ताकि हर गरीब परिवार के बेटा-बेटियों की शादी आसानी से हो सके. शादी में किसी भी प्रकार का दिखावा व फिजूलखर्ची नहीं करनी चाहिए."
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सादगी से शादी करने का दिया संदेश
गौरतलब है कि ये शादी ऐसे संपन्न मंसूरी परिवार के घर में हुई है जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है. अगर वह चाहते तो अपनी बेटी की शादी में लाखों रुपये खर्च करते और बड़ी धूमधाम से बेटी का निकाह करते. लेकिन, उन्होंने ऐसा न करते हुए सादगी से शादी की रस्मों को अंजाम दिया और समाज में भी यह पैगाम दिया कि गरीब से गरीब व्यक्ति अपनी बेटियों का निकाह सादगी से कर सकते हैं.