कोरबा: वर्तमान में पूरे छत्तीसगढ़ में धान तिहार मनाया जा रहा है. धान खरीदी केंद्रों में किसान अपना धान लेकर पहुंच रहे हैं. उनसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हो रही है. मानसून अच्छा होने के बाद इस वर्ष पैदावार अच्छी हुई है. अब लगभग सभी बड़े किसानों ने भी अपना धान काट लिया है. धान खरीदी अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है. ऐसे में कोरबा के धान खरीदी केंद्र दादरखुर्द में ETV भारत ने धान चौपाल लगाई. यह जानने का प्रयास किया कि किसान इस खरीदी से कितने संतुष्ट हैं. केंद्र पहुंचने पर उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं हो रही, किसानों से ही चर्चा कर उनके मुद्दों को समझने की कोशिश की.
21 क्विंटल से भी ज्यादा धान उगाया: गांव बुंदेली से धान खरीद केंद्र पहुंचे किसान राजू ने बताया कि वे 56 क्विंटल 40 किलो धान बेचने आए हैं. उन्होंने बताया कि धान खरीदी ठीक ठाक चल रही है. बुंदेली के ही किसान राजू कश्यप बताते हैं कि धान खरीदी ठीक से चल रही है. वो 103 बोरी धान बेचने आए है. उन्होंने बताया कि 3 एकड़ में उन्होंने धान की बोवाई की. लेकिन वो 2 एकड़ का धान बेचने आए है. मानसून अच्छा रहने के कारण प्रति एकड़ में 25 क्विंटल से भी ज्यादा धान का उत्पादन हुआ है. उनका कहना है कि सरकार यदि पूरा धान खरीदेगी तो और अच्छा रहेगा.
सरकार ने 21 क्विंटल की लिमिट तय कर दी है. इसलिए बाकी का धान वह नहीं बेच पाएंगे, या तो इसे खुले मंडी में बेचेंगे या फिर खुद ही भोजन के लिए उपयोग करेंगे. इसी तरह किसान राजकुमार पटेल ने बताया कि 425 कट्टी धान लेकर इसे बेचने पहुंचे हैं. सुविधा ठीक है, किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है.
सहकारी बैंक से पैसे निकालने की लिमिट : धान लेकर बेचने पहुंचे किसान रवि प्रकाश ट्रैक्टर पर सवार थे. अपना धान बिक्री करने के लिए मजदूर से इसे नीचे उतरवा रहे थे. रवि ने बताया कि उनके धान की कीमत समर्थन मूल्य के अनुसार ₹3 लाख बनती है. लेकिन सहकारी बैंक ने एक दिन में 10 या ₹20000 की ही लिमिट तय कर दी है. उनका कहना है कि उन्हें एक साथ 3 लाख रुपये की जरूरत है, लेकिन बैंक से एक साथ पूरे पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. वहीं केंद्र पहुंचे किसान मुरीत राम साहू ने बताया कि पूरे पैसे दिए जा रहे हैं. कुछ किसान अभी बैंक गए नहीं हैं. इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. पहले ऐसा होता था कि सहकारी बैंक से एक साथ पूरे पैसे नहीं मिलते लेकिन अब ऐसा नहीं है.
रोज की लिमिट बढ़ाई जाए एकमुश्त खरीदा जाए पूरा धान : धान खरीदी केंद्र पहुंचे किसान रोहित पटेल बड़े किसान हैं. जिन्होंने कल 360 क्विंटल धान उगाया है. रोहित कहते हैं कि सभी केंद्र में रोज के धान खरीदने की लिमिट होती है, आज की लिमिट 800 क्विंटल है. सभी गांव के किसान पहुंचे हुए हैं. "मुझसे कहा गया कि आज 170 क्विंटल ही धान की खरीदी होगी. अब मुझे कुल मिलाकर 360 क्विंटल धान बेचना है. लेकिन आज 170 क्विंटल ही लिया जाएगा. बाकी धन को दो बार या तीन बार में मुझे बचना होगा और जनवरी तक यह सिलसिला जारी रहेगा, मेरा कहना है की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए. मैंने जितना धान उगाया है, इसे एकमुश्त ही खरीद लेते तो मुझे तीन बार धान ट्रेक्टर पर लादकर खरीदी केंद्र नहीं आना जाना पड़ता. परिवहन का खर्च तो होता ही है, लेकिन मेरा काफी समय बच जाता."
लिमिट फुल नहीं हो रहा है उठाव : धान खरीदी केंद्र दादरखुर्द, नकटीखार के फड़ प्रभारी राधेलाल कुंभकार का कहना है कि धान खरीदी केंद्र की कुल स्टॉक लिमिट 7200 क्विंटल है. 6000 क्विंटल से ज्यादा की खरीदी अब तक हो चुकी है. जिसके स्टॉक फुल हो जाएगा. खरीदी केंद्र में दो फड़ है जो भरे जा चुके हैं. इसके बाद जो भी किसान आएंगे उनके धान को खुले में रखना पड़ेगा. इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
फड़ प्रभारी बताते हैं कि रोजाना कम से कम 2 से 3 वाहन उठाव के लिए लगने चाहिए, लेकिन अभी केवल एक वाहन को ही उठाव के लिए भेजा जा रहा है. धान खरीदी के बाद केंद्र से उठाव की रफ्तार काफी धीमी है. जिसके कारण अब केंद्र में धान रखने की जगह शेष नहीं बचेगी. ऐसे में यदि मौसम खराब हुआ, तो धान को खतरा हो सकता है. इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है.