धमतरी: दो दिवसीय जल जगार महोत्सव का रविवार को दूसरा दिन है. गंगरेल में महानदी तट पर जल जगार महोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने मैराथन के जरिए जल जागरूकता आयोजन में हिस्सा लिया. ये मैराथन रविशंकर जलाशय गंगरेल डैम के मुहाने से शुरू होकर तीन श्रेणियों में आयोजित किया गया. इसमें गंगरेल हाफ मैराथन, एन्डुरन्स रन और वॉकेथॉन शामिल है.
जुंबा पर थिरकते नजर आए लोग: धमतरी में आयोजित गंगरेल हाफ मैराथन के तहत 21.1 किलोमीटर की दौड़ आयोजित की गई. 18 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष आयु वर्ग के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया. इसके अलावा इस दौड़ में 50 साल से अधिक उम्र के प्रतिभागी भी शामिल हुए. इसी तरह एन्डुरन्स रन के तहत 10 किलोमीटर के मैराथन में 15 से 29 साल, 30 से 49 वर्ष आयु के लोग शामिल हुए. इस प्रतियोगिता में 50 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी भी शामिल हुए. इसके साथ ही पारिवारिक मनोरंजन के लिए वॉकेथॉन के तहत 5 किलोमीटर का मैराथन आयोजित किया गया. इसमें पुरुष और महिला दोनों श्रेणी के लोगों ने हिस्सा लिया. यह पूरा आयोजन गंगरेल डैम के गेट से लेकर कुकरेल तक आयोजित किया गया. इससे पहले स्वस्थ तन मन के लिए गानों पर ज़ुंबा करते लोग नजर आए.
लोगों ने उठाया जल ओलंपिक का लुत्फ: धमतरी के रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दूसरे दिन रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से प्रतिभागी पहुंचे. इस दौरान जल ओलंपिक को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला. यहां पहुंचे लोगों ने कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाइल स्वीमिंग, फ्लैग रन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग आदि का भरपूर आनंद लिया.
"जल संरक्षण पूरे समाज की जिम्मेदारी": प्रतिभागियों का मानना है कि यह केवल शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि जल संरक्षण के लिए जागरूक हो. पानी की हर बूंद को बचाने की कोशिश करें. जल ओलंपिक में पहुंचे लोगों ने गिरते भूजल स्तर, पेड़ों की कटाई, सॉइल इरोशन सब विषयों पर चिंता जाहिर की है. जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं, पौधारोपण की दिशा में सबको जागरूक होकर काम करने की बात कही गई है.
कॉलेज स्टूडेंट्स ने जल संकट पर की चर्चा: जल जगार महोत्सव के दूसरे दिन जल सभा में छत्तीसगढ़ के कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया. विद्यार्थियों ने जल असेंबली में शामिल होकर अपनी-अपनी भूमिका निभाई. जिसमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका को लेकर चर्चा हुई.