देवास: मध्य प्रदेश के देवास जिले में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मासूम बच्ची जल गई थी. उसके इलाज के लिए मासूम की मां उसको लेकर जिला अस्पताल भागी, लेकिन 5 रुपये कम होने की वजह से बच्ची का इलाज नहीं हो सका. झुलसी हुई मासूम रोती चिल्लाती रही, लेकिन संवेदनहीन अस्पताल कर्मियों का दिल जरा भी नहीं पसीजा.
5 रुपये कम होने से नहीं हुआ मासूम का इलाज
देवास जिले से आई इस खबर ने मानव जाति की संवेदनशीलता को कटघरे में खड़ा कर दिया है. जिले के खातेगांव तहसील के नेमावर की रहने वाली एक महिला की मासूम बच्ची जल गई थी. मां अपनी बच्ची को लेकर नेमावर स्वास्थ्य केन्द्र गई. वहां महिला पर्ची के लिए लाइन में लग गई. नंबर आने पर पर्ची बन गई, लेकिन उसके लिए उससे 20 रुपये मांगे गए, लेकिन महिला के पास 15 रुपये ही थे. कर्मचारी बाकी के 5 रुपये के लिए अड़ गया. महिला ने उससे कहा कि, उसके पास बस 15 रुपये ही है, लेकिन पर्ची काउंटर पर बैठा कर्मी नहीं माना. वह 5 रुपये के लिए अड़ा रहा.
गुस्से में महिला ने फाड़ दी पर्ची
जब लाचार और बेबस मां की किसी ने नहीं सुनी तो उसने गुस्से में पर्ची फाड़ दी. पर्ची फाड़ने के लिए कर्मचारी उसके खिलाफ केस करने की धमकी देने लगे. अंत में थक हारकर महिला बिना इलाज कराए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र से लौटना पड़ा. पीड़ित महिला सोनिका ने बताया कि, बेटी जल गई तो इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी. घर से 20 रुपए लेकर निकली थी पर 5 रुपए कहीं गिर गए. अस्पताल वालों ने साफ कह दिया कि पूरे 20 रुपए ही देने पड़ेंगे. मैं मिन्नतें करती रही, लेकिन वो नहीं माने. गुस्से में मैंने पर्ची फाड़ दी, तो अस्पताल वाले मुझ पर कार्रवाई करने की धमकी दे रहे हैं.'
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'मानवीयता के आधार पर इलाज करना चाहिए था'
इस पूरे मामले पर देवास के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील तिवारी ने कहा कि, एक महिला इलाज के लिए स्वास्थ्य केन्द्र आई थी. उसने अपने और अपनी बेटी के इलाज के लिए 2 पर्ची बनवाई थी. जिसके लिए उसको 20 रुपये देना था. मानवीयता के आधार पर इलाज करना चाहिए था. मामला मेरे संज्ञान में है. इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.'