पटना: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. सुबह से लाखों की तादाद में श्रद्धालु गंगा घाट पर जुटने लगे. कार्तिक पूर्णिमा को लेकर गंगा नदी में सुरक्षा को देखते हुए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की गस्ती दल टीम मौजूद रही. हालांकि इस बार श्रद्धालुओं के स्नान के लिए गंगा नदी में बैरिकेडिंग का प्रबंध बहुत कम जगहों पर देखने को मिला है. वहीं श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद घाट पर गंगा मैया की पूजा-अर्चना की.
पौराणिक काल से है मान्यता: पटना के परसा से राजापुल घाट पर गंगा स्नान के लिए पहुंची रेखा देवी और विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. पौराणिक काल से यह मान्यता चली आ रही है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से कई पाप धुल जाते हैं. वह कई वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान करते रहे हैं.
"स्नान करने के बाद गंगा मैया की पूजा की जाती है और गंगा मैया से जो भी मनोकामनाएं मांगी जाती है, वो मां पूरा करती हैं. आज के दिन स्नान करने से काफी पुण्य मिलता है."-श्रद्धालु
गंगा मैया को क्या करें अर्पित: श्रद्धालु देवयंती देवी ने बताया कि आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. गंगा स्नान के बाद गंगा जी की मिट्टी निकाल कर गंगा तट पर उसकी पूजा की जाती है. गंगा मैया को सिंदूर अर्पित कर हवन किया जाता है. आज के दिन गंगा स्नान के बाद लोग दान पुण्य भी करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पापों का नाश होता है. जो श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं गंगा मैया उनके परिवार में उन्नति, तरक्की देती हैं.
"आज के दिन गंगा स्नान करने के बाद सूर्य को जल दिया जाता है. गंगा मैया की भी उपासना होती है और सूर्य देव की भी उपासना होती है. शरीर के रोगों का और पाप का गंगा मैया नाश करती है. इसलिए आज के दिन गंगा स्नान करना सभी के लिए जरूरी हो जाता है."-देवयंती देवी, श्रद्धालु
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