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सैकड़ों साल प्राचीन धाम देवकुंड में महोत्सव की शुरुआत, जिले में अब 5 राजकीय महोत्सव का होगा आयोजन

औरंगाबाद जिले में देवकुंड महोत्सव की शुरूआत की गई. इस दौरान इस महोत्सव को सरकारी मान्यता दी गई है. जहां पर यह महोत्सव मनाया गया उस स्थान का काफी महत्व है. महाशिवरात्रि के दिन यहां पर शिव बारात भी निकाली गई. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 8, 2024, 10:26 PM IST

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह प्रखण्ड में देवकुंड में 'देवकुंड महोत्सव' का आयोजन किया गया. महाशिवरात्रि के अवसर पर यह आयोजन सरकार द्वारा 1 दिवसीय महोत्सव घोषित करने के बाद मनाया गया है. बताया जाता है कि यहां पर एक प्राचीन शिव मंदिर है जो कि सातवीं से तेरहवीं शताब्दी के बीच का है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग नीलम पत्थर का बना है.

देवकुंड महोत्सव का आयोजन : पौराणिक मान्यता है कि औरंगाबाद जिले के देव, देवकुंड और उमगा मंदिर को एक ही रात में निर्माण किया गया था. तीनों मंदिरों की महत्ता भी एक जैसी ही है. महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते आए हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में भगवान शिव की बारात को देखने के लिए इलाके के दूर दराज से श्रद्धालु भक्त देवकुंड पहुंचते हैं.

पर्यटन स्थल में बदलने का वादा : शुक्रवार को हुए एक दिवसीय देवकुंड महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में काराकाट सांसद महाबली सिंह, स्थानीय विधायक भीम कुमार सिंह आदि ने किया. इस अवसर पर काराकाट सांसद महाबली सिंह ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ''जो राष्ट्र विकसित है वहां पर्यटकों का बोल बाला होता है. जैसे कैमूर में मां मुंडेश्वरी धाम, देव में सूर्य मंदिर, नवादा और गया जैसे तीर्थस्थल जैसा देवकुंड भी एक पवित्र स्थल है. यदि आगे उन्हें समय मिला तो च्यवन ऋषि धाम देवकुंड को पर्यटक क्षेत्र घोषित कराने का भरपूर प्रयास करेंगे.''

सरकारी महोत्सव के रूप में मिली मान्यता : देवकुंड के विकास के लिए पूर्व में भी महाबली सिंह ने अठारह लाख रुपए के 2 हाईमास्क लाइट दिया था. वहीं स्थानीय विधायक भीम कुमार यादव ने बताया कि क्षेत्र के लोगों की जनभावनाओं को देखते हुए देवकुंड महोत्सव के लिए बिहार सरकार से मांग की थी. उन्होंने इसके लिए भरपुर प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप आज देवकुंड को सरकारी महोत्सव के रूप में मान्यता मिला है.

जिले में मनाए जाएंगे 5 महोत्सव : उक्त पवित्र धाम को देखते हुए दुलार बिगहा गांव से मेला तक बाईपास सड़क जोड़ने का सांसद से सहयोग करने की बात कही. जिससे देव, गजना, जैसे महोत्सव बनाने का काम करेंगे. पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने कहा कि देवकुंड नगरी ऐसा पवित्र स्थल है कि जहां मठ का अग्निकुंड है. जिसकी आग कभी नहीं बुझती है. जो सैकड़ों सालों से जलती आ रही है. साल 2024 में घोषित देवकुंड महोत्सव के साथ ही अब हर वर्ष जिले में कुल 5 महोत्सव मनाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- देवकुंड के दूधेश्वर महादेव मंदिर की है अलग मान्यता, महाशिवरात्रि पर होती है भीड़

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह प्रखण्ड में देवकुंड में 'देवकुंड महोत्सव' का आयोजन किया गया. महाशिवरात्रि के अवसर पर यह आयोजन सरकार द्वारा 1 दिवसीय महोत्सव घोषित करने के बाद मनाया गया है. बताया जाता है कि यहां पर एक प्राचीन शिव मंदिर है जो कि सातवीं से तेरहवीं शताब्दी के बीच का है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग नीलम पत्थर का बना है.

देवकुंड महोत्सव का आयोजन : पौराणिक मान्यता है कि औरंगाबाद जिले के देव, देवकुंड और उमगा मंदिर को एक ही रात में निर्माण किया गया था. तीनों मंदिरों की महत्ता भी एक जैसी ही है. महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते आए हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में भगवान शिव की बारात को देखने के लिए इलाके के दूर दराज से श्रद्धालु भक्त देवकुंड पहुंचते हैं.

पर्यटन स्थल में बदलने का वादा : शुक्रवार को हुए एक दिवसीय देवकुंड महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में काराकाट सांसद महाबली सिंह, स्थानीय विधायक भीम कुमार सिंह आदि ने किया. इस अवसर पर काराकाट सांसद महाबली सिंह ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ''जो राष्ट्र विकसित है वहां पर्यटकों का बोल बाला होता है. जैसे कैमूर में मां मुंडेश्वरी धाम, देव में सूर्य मंदिर, नवादा और गया जैसे तीर्थस्थल जैसा देवकुंड भी एक पवित्र स्थल है. यदि आगे उन्हें समय मिला तो च्यवन ऋषि धाम देवकुंड को पर्यटक क्षेत्र घोषित कराने का भरपूर प्रयास करेंगे.''

सरकारी महोत्सव के रूप में मिली मान्यता : देवकुंड के विकास के लिए पूर्व में भी महाबली सिंह ने अठारह लाख रुपए के 2 हाईमास्क लाइट दिया था. वहीं स्थानीय विधायक भीम कुमार यादव ने बताया कि क्षेत्र के लोगों की जनभावनाओं को देखते हुए देवकुंड महोत्सव के लिए बिहार सरकार से मांग की थी. उन्होंने इसके लिए भरपुर प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप आज देवकुंड को सरकारी महोत्सव के रूप में मान्यता मिला है.

जिले में मनाए जाएंगे 5 महोत्सव : उक्त पवित्र धाम को देखते हुए दुलार बिगहा गांव से मेला तक बाईपास सड़क जोड़ने का सांसद से सहयोग करने की बात कही. जिससे देव, गजना, जैसे महोत्सव बनाने का काम करेंगे. पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने कहा कि देवकुंड नगरी ऐसा पवित्र स्थल है कि जहां मठ का अग्निकुंड है. जिसकी आग कभी नहीं बुझती है. जो सैकड़ों सालों से जलती आ रही है. साल 2024 में घोषित देवकुंड महोत्सव के साथ ही अब हर वर्ष जिले में कुल 5 महोत्सव मनाए जाएंगे.

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