जयपुर : हेरिटेज निगम में बीजेपी का बोर्ड और बीजेपी की ही कार्यवाहक महापौर बनने के बावजूद राज्य सरकार के आदेश को धता बताया जा रहा है. डीएलबी की ओर से 5 नवंबर को आदेश जारी कर हेरिटेज नगर निगम में उपायुक्त के पद पर लगे तीन तकनीकी कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक हेरिटेज निगम में फायर उपायुक्त के पद से सीएफओ को नहीं हटाया गया है, जिसका नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद विरोध कर रहा है. इस पर महापौर ने 24 घंटे में कार्रवाई करने की बात कही है.
हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने निगम के 3 प्रशासनिक पदों पर तकनीकी अधिकारियों को लगाया था. इनमें हेल्थ उपायुक्त के पद पर सीएचओ डॉ सोनिया अग्रवाल को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. इसी तरह चीफ फायर ऑफिसर देवेंद्र मीणा को उपायुक्त फायर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. गैराज शाखा के एक्सईएन बलराम मीणा को उपायुक्त गैराज के पद पर नियुक्ति दी है. हालांकि, डीएलबी ने तीनों अधिकारियों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश जारी किए, जिसके बाद देवानंद शर्मा को हेल्थ उपायुक्त और सरीता मल्होत्रा को गैराज उपायुक्त के पद पर लगाया गया, लेकिन फायर शाखा का उपायुक्त अब तक नहीं बदला गया. इसे लेकर एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है. नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है.
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हालांकि इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम मेयर कुसुम यादव ने कहा कि निगम में प्रशासनिक अधिकारियों की काफी कमी है, जो अधिकारी यहां मौजूद हैं, उनके पास भी एक से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारियां है. इसकी वजह से काम काफी प्रभावित हो रहा था. ऐसे में तकनीकी कर्मचारियों को उपायुक्त की जिम्मेदारी दी थी, ताकि काम सुगमता से हो सके, लेकिन स्वायत्त शासन विभाग ने उन्हें हटाने के आदेश जारी किए हैं. इसके बाद दो तकनीकी कर्मचारियों को हटाकर उनकी जगह प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है. वहीं, फायर उपायुक्त के पद पर भी अगले 24 घंटे में प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति कर दी जाएगी.