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फिर बाहर निकला सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान का जिन्न, उपनेता प्रतिपक्ष करेंगे सीएम और वन मंत्री से मुलाकात

सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान पर उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने वन विभाग पर निशाना साधा. मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की.

Deputy Leader of Opposition made serious allegations against the Forest Department
उपनेता प्रतिपक्ष ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 10, 2024, 7:20 AM IST

खटीमा: कांग्रेस खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने वन विभाग पर सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. विधायक ने बिना अनुमति हजारों सागौन के पेड़ काटने के आरोप लगाते हुए पेड़ों की कैटेगरी को भी बिलकुल लो दिखाकर राजस्व की हानि की भी बात कही है. भुवन कापड़ी ने उक्त प्रकरण में मुख्यमंत्री व वन मंत्री से जल्द मुलाकात कर दोषी वनकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने नगर स्थित कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस कर वन विभाग पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है. विधायक कापड़ी ने कहा कि सुरई वन रेंज के अन्तर्गत लाट सं० अ, ब, स, द तथा न 2024-25 में वन विभाग द्वारा 24 हजार 2 सौ 94 सागौन के पेड़ों के छपान के दौरान लगभग 21 हजार 5 सौ 47 पेड़ों को अनफिट कर दिया गया, जो लगभग 89% है.

सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान पर उपनेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना (Video-ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि यदि 89% पेड़ अनफिट थे तो कटान में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई? विभागीय प्रक्रिया पूरी किये बिना ही पेड़ काट दिये गये. भुवन कापड़ी ने कहा कि यदि पेड़ ए-कैटेगरी के होते तो लकड़ी का घनत्व लगभग 70 %, B (फिट) कैटेगरी मे घनत्व लगभग 50% तथा अनफिट केटेगरी में घनत्व लगभग 30% होता है. उपनेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि छ्पान में वन विभाग द्वारा पहले से ही घनत्व कम कर दिया गया. जिससे विभाग को काफी क्षति हुई है.

इस मामले को लेकर उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों पर मिलीभगत व भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कटान के दौरान पेड़ों के जड़ों के सबूत भी मिटा दिये जायेंगे. जिसकी वजह से भविष्य में होने वाली जांच में कोई सबूत भी नहीं मिल पाएंगे. उन्होंने इस प्रकरण में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.वहीं विधायक कापड़ी ने बताया कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री व वन मंत्री से जल्द ही मुलाकात कर उनके संज्ञान में उक्त प्रकरण लाया जाएगा. साथ ही दोषी वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी.
पढ़ें-देहरादून: खलंगा में नहीं होगी 2000 पेड़ों की कटाई, बिना पेड़ काटे दिलाराम चौक से कैंट तक सड़क चौड़ीकरण के निर्देश

खटीमा: कांग्रेस खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने वन विभाग पर सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. विधायक ने बिना अनुमति हजारों सागौन के पेड़ काटने के आरोप लगाते हुए पेड़ों की कैटेगरी को भी बिलकुल लो दिखाकर राजस्व की हानि की भी बात कही है. भुवन कापड़ी ने उक्त प्रकरण में मुख्यमंत्री व वन मंत्री से जल्द मुलाकात कर दोषी वनकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने नगर स्थित कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस कर वन विभाग पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है. विधायक कापड़ी ने कहा कि सुरई वन रेंज के अन्तर्गत लाट सं० अ, ब, स, द तथा न 2024-25 में वन विभाग द्वारा 24 हजार 2 सौ 94 सागौन के पेड़ों के छपान के दौरान लगभग 21 हजार 5 सौ 47 पेड़ों को अनफिट कर दिया गया, जो लगभग 89% है.

सुरई वन रेंज में पेड़ों के कटान पर उपनेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना (Video-ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि यदि 89% पेड़ अनफिट थे तो कटान में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई? विभागीय प्रक्रिया पूरी किये बिना ही पेड़ काट दिये गये. भुवन कापड़ी ने कहा कि यदि पेड़ ए-कैटेगरी के होते तो लकड़ी का घनत्व लगभग 70 %, B (फिट) कैटेगरी मे घनत्व लगभग 50% तथा अनफिट केटेगरी में घनत्व लगभग 30% होता है. उपनेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि छ्पान में वन विभाग द्वारा पहले से ही घनत्व कम कर दिया गया. जिससे विभाग को काफी क्षति हुई है.

इस मामले को लेकर उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों पर मिलीभगत व भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कटान के दौरान पेड़ों के जड़ों के सबूत भी मिटा दिये जायेंगे. जिसकी वजह से भविष्य में होने वाली जांच में कोई सबूत भी नहीं मिल पाएंगे. उन्होंने इस प्रकरण में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.वहीं विधायक कापड़ी ने बताया कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री व वन मंत्री से जल्द ही मुलाकात कर उनके संज्ञान में उक्त प्रकरण लाया जाएगा. साथ ही दोषी वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी.
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