जयपुर. उदयपुर, जयपुर और जोधपुर जैसे राजस्थान के शहर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भारतीय ही नहीं विदेशियों की भी पहली पसंद बन चुके हैं. यही वजह है कि अब इवेंट और एंटरटेनमेंट से जुड़े लोगों का रुझान इस तरफ बढ़ता जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने जयपुर में 13वें ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार की शुरुआत की है. यहां देशभर से आए टूर ऑपरेटर और पर्यटन व्यवसायी पहुंच रहे हैं. सोमवार को प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी यहां शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस आयोजन से प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आएगा प्रदेश : राजस्थान पर्यटन विभाग, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार के 13वें संस्करण का आयोजन किया गया. इसमें लगी एग्जीबिशन का उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने अवलोकन किया. साथ ही इनबाउंड टूर ऑपरेटर्स और पर्यटन व्यवसायियों के बीच चल रही बी2बी मीटिंग्स का अपडेट लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार पार्टिसिपेशन बढ़ा है और फॉरेन ट्रैवल एजेंट्स भी बहुत सारे आए हैं. इससे निश्चित रूप से टूरिज्म बढ़ेगा और वेड इन इंडिया कॉन्सेप्ट से राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा शादियां होंगी. राजस्थान एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आएगा. हालांकि, राजस्थान पहले भी डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए बेस्ट था, लेकिन इस आयोजन से कोरोना काल में आई गिरावट में सुधार आएगा.
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पर्यटन व्यवसायियों से सहयोग का आग्रह किया : साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी जगह जहां ज्यादा टूरिस्ट नहीं पहुंचते उनको भी एक्सप्लोर किया जाएगा. इसके लिए जिलेवार अपने-अपने क्षेत्र में कुछ अलग करने वाले लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा. पर्यटकों की बढ़ती संख्या के अनुरूप बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है. उन्होंने पर्यटन को मजबूत करने के लिए सरकार की भागीदारी और पर्यटन व्यवसायियों से सहयोग का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि यहां बहुत सारे आइडिया एक्सचेंज हुए हैं. जितने भी स्टेकहोल्डर और हेरिटेज प्रॉपर्टी के मालिक हैं उन लोगों से लगातार चर्चा करते आए हैं और आगे उनके लिए अच्छा एनवायरमेंट बनाया जाएगा. इससे वो अपनी हेरिटेज प्रॉपर्टी को होटल में कन्वर्ट करें. उन्होंने रिलीजियस टूरिज्म पर जोर देते हुए कहा कि राजस्थान में बहुत प्रसिद्ध मंदिर हैं. बहुत लोगों की उससे आस्था जुड़ी है, जिन्हें विकसित करने के लिए भी काम किया जाएगा. आपको बता दें कि इस अंतर्राष्ट्रीय मार्ट में 52 देशों के 242 विदेशी टूर ऑपरेटर्स और 10 राज्यों के स्टेट टूरिज्म बोर्ड के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं.