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साल के अंत तक आ जाएगा डेंगू से बचाव का टीका, केजीएमयू में चल रहा ट्रायल - Dengue vaccine trial in KGMU

केजीएमयू में डेंगू की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. कहा जा रहा है कि 2024 के अंत तक डेंगू से बचाव का टीका आ जाएगा.

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केजीएमयू में डेंगू की वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 5:30 PM IST

लखनऊ: हर साल बारिश के बाद लोग डेंगू के कहर से जूझते हैं. जल्द ही इससे निजात मिलेगी. पोलियो, खसरा और टीबी के साथ अब डेंगू से बचाव का टीका भी होगा. केजीएमयू में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है. परीक्षण में सफल पाए जाने पर इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. हर साल डेंगू से कई लोगों की मौत हो जाती है.

केजीएमयू के संक्रामक रोग प्रभारी प्रो. डी हिमांशु ने बताया कि इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च ने संस्थान को ट्रायल के केंद्र के रूप में मान्यता दी है. ट्रायल शुरू होने के बाद शोध के आधार पर इलाज की प्रक्रिया और दवाओं का निर्माण हो सकेगा. केजीएमयू में इस समय संक्रामक रोग, न्यूरोलाजी और लिवर की बीमारियों पर क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. इसी के तहत टीके का ट्रायल शुरू किया गया है. अभी तक काफी अच्छे संकेत मिले हैं. सबकुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक डेंगू से बचाव का टीका बाजार में आ सकता है.

अभिभावक और स्कूल मिलकर बरतें सावधानी: प्रो. डी. हिमांशु का कहना है कि संक्रामक बीमारियों को रोकने में अभिभावकों के साथ स्कूल को भी कदमताल करने की जरूरत है. डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा सबसे अधिक बच्चों को होता है. इसके मच्छर दिन में काटते हैं और इस दौरान बच्चे छह घंटे स्कूल में रहते हैं. अगर समय रहते बच्चों के लिए फुल आस्तीन के कपड़े अनिवार्य कर दिए जाएं तो डेंगू-चिकनगुनिया बुखार के कहर को कम किया जा सकता है. साथ ही बच्चों को रोजाना साफ-सफाई के लाभ के बारे में बताएं.

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि केजीएमयू में भारी संख्या में जुलाई से अक्टूबर के बीच में संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. संक्रामक रोग विभाग में डेंगू से बचाव के लिए वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है. पूरी उम्मीद है कि साल के आखिरी तक यह वैक्सीन पूरी तरह से तैयार होगी. साथ ही यह उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि अभी तक इसका बहुत ही सकारात्मक ट्रायल पूरा हुआ है. यह बहुत ही खुशी की बात है कि जल्दी डेंगू का टीका भी आएगा.

डॉ सुधीर सिंह ने कहा कि डेंगू से करने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग डेंगू की चपेट में अधिक आते हैं और उनका कोई आंकड़ा भी नहीं तैयार हो पता है. डेंगू की वैक्सीन आ जाने के बाद डेंगू से होने वाली मौत को नियंत्रित किया जा सकता है. डॉक्टर इस पर काम कर रहे हैं. विभाग में ट्रायल चल रहा है. इसका बहुत ही पॉजिटिव इंपैक्ट दिखाई दे रहा है.

चिकनगुनिया के लक्षण-

  • तेज बुखार आना.
  • तीन से सात दिनों के दौरान जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द होना.
  • रैशेज या चकते पड़ जाना.
  • सिर दर्द होना.
  • चक्कर आना.

ये भी पढ़ें- बिजली विभाग का बड़ा तोहफा; घर बैठे बढ़ जाएगा कनेक्शन का लोड, बिल भी जमा होगा ऑनलाइन - How to Increase Electricity Load

लखनऊ: हर साल बारिश के बाद लोग डेंगू के कहर से जूझते हैं. जल्द ही इससे निजात मिलेगी. पोलियो, खसरा और टीबी के साथ अब डेंगू से बचाव का टीका भी होगा. केजीएमयू में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है. परीक्षण में सफल पाए जाने पर इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. हर साल डेंगू से कई लोगों की मौत हो जाती है.

केजीएमयू के संक्रामक रोग प्रभारी प्रो. डी हिमांशु ने बताया कि इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च ने संस्थान को ट्रायल के केंद्र के रूप में मान्यता दी है. ट्रायल शुरू होने के बाद शोध के आधार पर इलाज की प्रक्रिया और दवाओं का निर्माण हो सकेगा. केजीएमयू में इस समय संक्रामक रोग, न्यूरोलाजी और लिवर की बीमारियों पर क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. इसी के तहत टीके का ट्रायल शुरू किया गया है. अभी तक काफी अच्छे संकेत मिले हैं. सबकुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक डेंगू से बचाव का टीका बाजार में आ सकता है.

अभिभावक और स्कूल मिलकर बरतें सावधानी: प्रो. डी. हिमांशु का कहना है कि संक्रामक बीमारियों को रोकने में अभिभावकों के साथ स्कूल को भी कदमताल करने की जरूरत है. डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा सबसे अधिक बच्चों को होता है. इसके मच्छर दिन में काटते हैं और इस दौरान बच्चे छह घंटे स्कूल में रहते हैं. अगर समय रहते बच्चों के लिए फुल आस्तीन के कपड़े अनिवार्य कर दिए जाएं तो डेंगू-चिकनगुनिया बुखार के कहर को कम किया जा सकता है. साथ ही बच्चों को रोजाना साफ-सफाई के लाभ के बारे में बताएं.

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि केजीएमयू में भारी संख्या में जुलाई से अक्टूबर के बीच में संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. संक्रामक रोग विभाग में डेंगू से बचाव के लिए वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है. पूरी उम्मीद है कि साल के आखिरी तक यह वैक्सीन पूरी तरह से तैयार होगी. साथ ही यह उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि अभी तक इसका बहुत ही सकारात्मक ट्रायल पूरा हुआ है. यह बहुत ही खुशी की बात है कि जल्दी डेंगू का टीका भी आएगा.

डॉ सुधीर सिंह ने कहा कि डेंगू से करने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग डेंगू की चपेट में अधिक आते हैं और उनका कोई आंकड़ा भी नहीं तैयार हो पता है. डेंगू की वैक्सीन आ जाने के बाद डेंगू से होने वाली मौत को नियंत्रित किया जा सकता है. डॉक्टर इस पर काम कर रहे हैं. विभाग में ट्रायल चल रहा है. इसका बहुत ही पॉजिटिव इंपैक्ट दिखाई दे रहा है.

चिकनगुनिया के लक्षण-

  • तेज बुखार आना.
  • तीन से सात दिनों के दौरान जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द होना.
  • रैशेज या चकते पड़ जाना.
  • सिर दर्द होना.
  • चक्कर आना.

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