वाराणसी: बनारस में अवैध रूप से संचालित होने वाले होटलों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है. हाल ही में कैंटोनमेंट एरिया में अवैध रूप से कामर्शियल एक्टिविटी वाले दो होटलों बनारस कोठी और रिवर पैलेस को गिराने की कार्रवाई की गई. जिसके बाद अब ऐसे और होटलों की बारी है, जो गलत नक्शे और गलत तरीके से संचालित हो रहे हैं. उनके लिए प्रशासन ने प्लान तैयार करते हुए अलग-अलग इलाकों के चार होटलों को चिन्हित किया है.
इस बारे में अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल) प्रकाश चंद्र ने मानक के विपरीत संचालित हो रहे एसडीएम गेस्ट हाउस और बैंक्वेट हाल तरना, शिवपुर, राजधानी गेस्ट हाउस स्थित इंग्लिशिया लाइन, जवाहर नगर, होटल राधेकृष्ण शिवाला, भेलूपुर, सिटी गार्डेन लक्ष्छीपुरा, अंधरापुल और होटल जेनिया, महमूरगंज को बंद करने सम्बन्धी आदेश जारी किया है. आदेश जारी होने के बाद इस संदर्भ में वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत को नियमानुसार इन होटलों और गेस्ट हाउस को सील करने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने के लिए कहा गया है. एक सप्ताह में इन होटल्स पर एक्शन यानी बुलडोजर चलाया जा सकता है.
क्यों होगी कार्रवाई
- इन होटलों का निर्माण मानकों के विपरीत है.
- कुछ होटल रिहाइशी जमीन पर बने हैं और कमर्शियल एक्टिविटी हो रही है.
- कई होटल जो नक्शा पास किया गया है, उसके विपरीत संचालित हो रहे हैं.
- अग्निशमन नियमों का भी पालन नहीं किया गया है.
- कुछ होटलों के सरकारी जमीन पर भी अवैध तरीके से संचालित होने की सूचना.
बता दें कि वरुणा नदी के ग्रीन बेल्ट में बने होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को गिराए जाने के बाद होटल के मालिक जफर अली को खर्च हुए चार लाख छह हजार रुपये भुगतान करने का नोटिस भेजा गया है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि होटल मालिक से स्वयं तोड़ने का नोटिस दिया गया था, लेकिन होटल संचालक ने कोई एक्शन नहीं लिया.
बनारस कोठी और रिवर पैलेसे से हुई शुरुआत: बीते 27 जुलाई को ही वरुणा नदी के 50 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शुरू की थी. यहां 750 से ज्यादा अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं. इसमें दो अवैध होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस भी शामिल थे. दोनों होटल एक ही शख्स के हैं. प्राधिकरण ने 8 साल पहले 2015 में वाराणसी के कैंटोनमेंट एरिया में स्थित बनारस कोठी और रिवर पैलेस को नोटिस देकर दोनों प्रॉपर्टी मानक के विपरीत बने होने पर सील कर दिया था. इसके बाद 13 फरवरी 2015 और 23 नवंबर 2015 को बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर ताला लगाकर सील की कार्रवाई भी पूरी की गई. बावजूद इसके होटल 8 साल से संचालित किया जाता रहा. कई मुकदमे भी दर्ज हुए. बार टीम गिराने भी पहुंची लेकिन एक्शन नहीं हो पाया. अब जाकर कार्रवाई शुरू हुई है.