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एसडीएम थप्पड़ कांड : नरेश मीना की रिहाई को लेकर समर्थकों प्रदर्शन - DEMAND TO RELEASE NARESH MEENA

एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीना की रिहाई की मांग को लेकर दौसा और भीलवाड़ा में समर्थकों ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा.

दौसा में नरेश मीना के समर्थकों का प्रदर्शन
नरेश मीना के समर्थकों का प्रदर्शन (ETV Bharat Dausa)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 18, 2024, 3:59 PM IST

दौसा : टोंक के समरावता में हुए एसडीएम थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीना के समर्थकों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को दौसा में जिला मुख्यालय सहित सभी उपखंड मुख्यालयों पर नरेश मीना के समर्थकों ने नारेबाजी कर नरेश मीना की रिहाई की मांग की. इस दौरान सभी जगह समर्थकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. दौसा के मीन भगवान मंदिर पर नरेश मीना के समर्थकों की मीटिंग में बीएपी के विधायक थावर चंद डामोर, विधायक जयकृष्ण पटेल और बीएपी पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य रामजीलाल भी मौजूद रहे. सभी लोग रैली के रूप में कलेक्ट्रेट तक पहुंचे.

नरेश मीना समर्थक कांग्रेस नेता सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि उनकी मांग है कि नरेश मीना और उनके साथ में सैकड़ों बेगुनाह युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें रिहा किया जाए. उन्होंने बताया कि समरावता गांव में इतना बड़ा मुद्दा नहीं था. ग्रामीणों की छोटी सी मांग ग्रामपंचायत को एक उपखंड से हटाकर दूसरे उपखंड में जोड़ने की मांग थी. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना सुबह से ग्रामीणों के साथ धरने में शामिल होकर मांग कर रहे थे कि कोई भी प्रशासनिक बड़ा अधिकारी मौके पर ग्रामीणों की बात सुनकर सरकार तक पहुंचाए. इसे लेकर मतदान का बहिष्कार किया जा रहा था.

नरेश मीना को रिहा करने की मांग (ETV Bharat Dausa)

इसे भी पढ़ें- देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एसडीएम को जड़ा थप्पड़, देखिए वीडियो

प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार : सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि मतदान के बहिष्कार के बाद भी प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. ये प्रशासन और सरकार का फेल्योर है. समरावता में जो प्रशासन ने माहौल बनाया, उसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है. ऐसे में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नरेश मीना और अन्य सैकड़ों युवाओं को छोड़ा जाए. वहीं, समरावता में जो ग्रामीणों का नुकसान हुआ है, सरकार द्वारा उनको मुआवजा दिया जाए.

वहीं, नरेश मीना समर्थकों के आक्रोश को देखते हुए जिला पुलिस ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम किए थे. पुलिस ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर समर्थकों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए. मौके पर एसटीएफ, आरएसी और पुलिस के जवान भी मौजूद रहे. साथ ही एडिशनल एसपी लोकेश सोनवाल, डीएसपी रवि शर्मा सहित कई थाना प्रभारी भी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे.

वहीं, नरेश मीणा के समर्थन में भीम आर्मी व मीणा समाज के लोग भीलवाड़ा में भी सड़कों पर उतरे, जहां सोमवार को भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा. भीम आर्मी के भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष रमेश आजाद ने कहा कि देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के साथ ज्यादती हुई है. उसके बाद उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मारने का कदम उठाया है. ऐसे में हम चाहते हैं कि जो कदम एसडीएम को थप्पड़ मारने के पूर्व के मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिर नरेश मीणा ने ऐसा कदम क्यों उठाया ?.

दौसा : टोंक के समरावता में हुए एसडीएम थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीना के समर्थकों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को दौसा में जिला मुख्यालय सहित सभी उपखंड मुख्यालयों पर नरेश मीना के समर्थकों ने नारेबाजी कर नरेश मीना की रिहाई की मांग की. इस दौरान सभी जगह समर्थकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. दौसा के मीन भगवान मंदिर पर नरेश मीना के समर्थकों की मीटिंग में बीएपी के विधायक थावर चंद डामोर, विधायक जयकृष्ण पटेल और बीएपी पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य रामजीलाल भी मौजूद रहे. सभी लोग रैली के रूप में कलेक्ट्रेट तक पहुंचे.

नरेश मीना समर्थक कांग्रेस नेता सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि उनकी मांग है कि नरेश मीना और उनके साथ में सैकड़ों बेगुनाह युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें रिहा किया जाए. उन्होंने बताया कि समरावता गांव में इतना बड़ा मुद्दा नहीं था. ग्रामीणों की छोटी सी मांग ग्रामपंचायत को एक उपखंड से हटाकर दूसरे उपखंड में जोड़ने की मांग थी. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना सुबह से ग्रामीणों के साथ धरने में शामिल होकर मांग कर रहे थे कि कोई भी प्रशासनिक बड़ा अधिकारी मौके पर ग्रामीणों की बात सुनकर सरकार तक पहुंचाए. इसे लेकर मतदान का बहिष्कार किया जा रहा था.

नरेश मीना को रिहा करने की मांग (ETV Bharat Dausa)

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प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार : सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि मतदान के बहिष्कार के बाद भी प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. ये प्रशासन और सरकार का फेल्योर है. समरावता में जो प्रशासन ने माहौल बनाया, उसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है. ऐसे में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नरेश मीना और अन्य सैकड़ों युवाओं को छोड़ा जाए. वहीं, समरावता में जो ग्रामीणों का नुकसान हुआ है, सरकार द्वारा उनको मुआवजा दिया जाए.

वहीं, नरेश मीना समर्थकों के आक्रोश को देखते हुए जिला पुलिस ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम किए थे. पुलिस ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर समर्थकों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए. मौके पर एसटीएफ, आरएसी और पुलिस के जवान भी मौजूद रहे. साथ ही एडिशनल एसपी लोकेश सोनवाल, डीएसपी रवि शर्मा सहित कई थाना प्रभारी भी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे.

वहीं, नरेश मीणा के समर्थन में भीम आर्मी व मीणा समाज के लोग भीलवाड़ा में भी सड़कों पर उतरे, जहां सोमवार को भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा. भीम आर्मी के भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष रमेश आजाद ने कहा कि देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के साथ ज्यादती हुई है. उसके बाद उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मारने का कदम उठाया है. ऐसे में हम चाहते हैं कि जो कदम एसडीएम को थप्पड़ मारने के पूर्व के मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिर नरेश मीणा ने ऐसा कदम क्यों उठाया ?.

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