भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर के जाटों के महापड़ाव को 17 दिन हो गए हैं. सरकार के कहने पर आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति ने पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी तैयार कर लिया, लेकिन अभी तक वार्ता के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोई निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है. इसको लेकर जाट समाज में खासी नाराजगी है. ऐसे में अब दोनों जिलों के जाट समाज की शनिवार को जयचोली में महापंचायत आयोजित होगी. महापंचायत में ही आंदोलन की दिशा तय की जाएगी.
संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि राज्य सरकार के साथ वार्ता सकारात्मक हुई. उसके बाद सरकार की सूचना पर 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तैयार किया गया. इस प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार से वार्ता होनी थी. साथ में राज्य सरकार का चार सदस्यीय कमेटी को भी रहना था. संभावना थी कि 1 या 2 फरवरी तक केंद्र सरकार की तरफ से वार्ता की सूचना मिलेगी. लेकिन शुक्रवार तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है. प्रतिनिधिमंडल और समाज वार्ता के इंतजार में बैठा है.
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नेम सिंह फौजदार ने कहा कि शनिवार को दोनों जिलों के जाट समाज की महापंचायत आयोजित की जाएगी. महापंचायत को आंदोलन की अब तक की पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा. उसके बाद समाज इस आंदोलन की दशा और दिशा तय करेगा. नेम सिंह ने कहा कि यह आंदोलन दोनों जिलों के जाट समाज के युवाओं के भविष्य के लिए है. इस बार आंदोलन आर पार के लिए है.
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ये हैं जाट समाज की मांग: दोनों जिलों के जाट समाज की ओर से 17 जनवरी से जयचोली में महापड़ाव जारी है. जब तक आरक्षण नहीं मिल जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जाट समाज की तीन सूत्री मांग है. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने की मांग है. समाज के 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.