सहारनपुर: मशखरा नदी पर पुल बनाए जाने की मांग को लेकर बेहट तहसील क्षेत्र के ग्राम मुर्तजापुर के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया और धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों ने 'पुल नहीं तो वोट नहीं' नारे लगाये. धरने और चुनाव बहिष्कार की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. इसके बावजूद ग्रामीणों ने धरना खत्म करने से इंकार कर दिया.
मामला तहसील बेहट के गांव मुर्तजापुर का है. मुर्तजापुर और बेहट के बीच में मशखरा नाम की बरसाती नदी (Demand of bridge on Mashkhara river in Saharanpur) है. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में बरसाती नदी में बाढ़ आ जाती है. इससे मुर्तजापुर सहित दर्जनों गांवों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से कट जाता है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई और पेपर तक छूट जाते है. किसी बीमार को या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शनिवार सुबह मुर्तजापुर के ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की घोषणा करते हुए मसखरा नदी के किनारे टैंट लगाकर धरने पर बैठ गए. चुनाव बहिष्कार और धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी बेहट दीपक कुमार और कोतवाली बेहट इंस्पेक्टर योगेश शर्मा तथा सेतु निगम के अधिकारी मौके पर ग्रामीणों के बीच पहुंचे. अधिकारियों ग्रामीणों को समझाया और धरना खत्म करने की अपील की. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें पुल के बजट स्वीकृत होने और काम शुरू कराने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता हैं, वे धरना खत्म नहीं करेंगे.
ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी है. ग्रामीणों के बीच पहुंचे एसडीएम दीपक कुमार ने कहा कि उनके पुल की फाइल शासन को भेजी जा चुकी है. जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा. धरना दे रहे ग्रामीण एसडीएम बेहट के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए. ठोस आश्वासन के बाद ही धरना समाप्त करने की बात कहकर धरने पर अडिग हैं. ग्रामीणों को समझाने के बाद भी जब ग्रामीण नहीं माने, तो एसडीएम बेहट और पुलिस बैरंग ही लौट गए.
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