नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह के साथ शुक्रवार को हुई अहम मीटिंग के बाद दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर (PHQ) में हलचल तेज हो गई है. दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री की नाराजगी के बाद से महकमे में व्यापक बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं. इस बदलाव की शुरुआत थाना स्तर से की गई है, जहां सभी 227 पुलिस स्टेशनों का ऑडिट करने के आदेश जारी किए गए हैं.
ऑडिट प्रक्रिया की रूपरेखा: स्पेशल सीपी से लेकर अडिशनल डीसीपी तक के पुलिस अधिकारियों को थानों में जाकर निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है. इस निरीक्षण में सभी अधिकारियों को एक बुकलेट सौंपी गई है, जिसमें उन बिंदुओं की सूची है जिनका थाने में जाकर मुआयना करना है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 1 जनवरी 2023 से लेकर 15 नवंबर 2024 तक का पूरा लेखा-जोखा चेक करें.
ऑडिट के दौरान थाने में दर्ज मामलों की संख्या, उनकी जांच और चार्जशीटिंग प्रक्रिया को भी बारीकी से देखा जाएगा. इसके अलावा शिकायतों के निस्तारण, आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई, और थाने में शिकायतकर्ता के सुनने की प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जाएगा. इस प्रक्रिया में स्ट्रीट क्राइम की रोकथाम के लिए उठाए गए एहतियाती कदम और थाने की बिल्डिंग का रख-रखाव भी चेक किया जाएगा.
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परिवर्तन का व्यापक दायरा: पुलिस कमिश्नर के बाद स्पेशल सीपी रैंक के अधिकारियों का नंबर आता है, और उसी तरह से जॉइंट सीपी, अडिशनल सीपी, डीसीपी और अडिशनल डीसीपी भी इस ऑडिट का हिस्सा होंगे. इन अधिकारियों को अलग-अलग सब डिविजनों में जाकर निरीक्षण करने का कार्य सौंपा गया है. दिल्ली के 15 जिलों को 70 सब-डिविजन में बांटा गया है, जिसका प्रमुख एसीपी होता है.
दिल्ली पुलिस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस निरीक्षण के परिणामों के आधार पर थानों में सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि, कुछ अधिकारी इस बात से चिंतित हैं कि जिन थानों की रिपोर्ट अच्छी नहीं होगी, उनके साथ क्या किया जाएगा.
इस सभी गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की कानून-व्यवस्था को सुधारना है. थाने के अधिकारियों को अपने-अपने थानों की रिपोर्ट 5 दिसंबर तक जमा कराने के लिए कहा गया है. इस एक्शन को लेकर पुलिस महकमे में गंभीर चर्चाएं चल रही हैं.
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