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लोकनायक अस्पताल ने 51 पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं समाप्त की, कल प्रदर्शन करेंगे हटाए गए कर्मी - Loknayak Hospital fired staff - LOKNAYAK HOSPITAL FIRED STAFF

दिल्ली के लोकनायक अस्पताल ने 51 पैरामेडिकल स्टाफ को हटा दिया है. इससे संबंधित आदेश अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक ने जारी किया. इसके बाद पैरामेडिकल स्टाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.

लोकनायक अस्पताल
लोकनायक अस्पताल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 1, 2024, 10:30 PM IST

नई दिल्ली: लोकनायक अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भर्ती किए गए पैरा मेडिकल स्टाफ के 51 कर्मियों को हटा दिया गया है. अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक डॉ. जेके बासू ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. आदेश में एक जुलाई से सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई है. साथ ही कहा गया है इन कर्मियों में से दो जुलाई से कोई भी कर्मी किसी भी विभाग में कार्यरत पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागाध्यक्ष की होगी.

लोकनायक अस्पताल में कोविड के दौरान पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति 89 दिन के अनुबंध पर की गई थी, जिसे जरूरत के अनुसार आगे बढ़ाया जाता रहा. इनमें फार्मासिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, ईसीजी असिस्टेंट, जूनियर रेडियोग्राफर, ओटी असिस्टेंट आदि को भर्ती किया गया था. यह दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसमें 2065 बेड हैं. इसलिए पैरामेडिकल स्टाफ के जाने से अस्पताल की ऑपरेशन सेवाओं पर असर पड़ सकता है.

अस्पताल के अधिकारी के मुताबिक, 2021 में कोरोना की लहर धीमी होने के बाद सरकार की ओर से सभी को हटाने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि उनकी जरूरत अस्पताल में नहीं थी. इसके बाद सभी पैरा मेडिकल स्टाफ के कर्मचारी केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चले गए थे. यहां उनको हटाने पर स्टे दे दिया गया, जिसके बाद उन्होंने काम जारी रखा.

हाल में कैट ने एक आदेश में अस्पताल प्रशासन के विवेक पर उनकी आगे की सेवाओं को छोड़ा था. उनके संबंध में वे निर्णय लेने को स्वतंत्र थे. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी को हटाने का निर्णय लिया है. हटाए गए पैरामेडिकल स्टाफ कर्मियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने ज्यादती की है. मंगलवार को हम निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ 51 कर्मियों को नहीं हटाया गया है, बल्कि 170 से अधिक फार्मासिस्ट को भी हटाया गया है. लेकिन, अस्पताल प्रशासन स्पष्ट नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थिएटर में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमारी संख्या नियमित कर्मचारियों से अधिक है और इससे कम से कम 10 ओटी प्रभावित होंगी. अस्पताल प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि 51 कर्मियों की सेवाएं समाप्त की हैं और यह कैट के आदेश के बाद किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त स्थायी कर्मचारी हैं और इनके जाने से सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि स्टाफ के जाने से सेवाओं पर असर पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में मरीज बड़ी संख्या में आते हैं. अस्पताल की क्षमता उतनी नहीं है. ऐसे में स्टाफ जाने से सेवाओं पर असर पड़ना लाजिमी है.

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नई दिल्ली: लोकनायक अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भर्ती किए गए पैरा मेडिकल स्टाफ के 51 कर्मियों को हटा दिया गया है. अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक डॉ. जेके बासू ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. आदेश में एक जुलाई से सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई है. साथ ही कहा गया है इन कर्मियों में से दो जुलाई से कोई भी कर्मी किसी भी विभाग में कार्यरत पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागाध्यक्ष की होगी.

लोकनायक अस्पताल में कोविड के दौरान पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति 89 दिन के अनुबंध पर की गई थी, जिसे जरूरत के अनुसार आगे बढ़ाया जाता रहा. इनमें फार्मासिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, ईसीजी असिस्टेंट, जूनियर रेडियोग्राफर, ओटी असिस्टेंट आदि को भर्ती किया गया था. यह दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसमें 2065 बेड हैं. इसलिए पैरामेडिकल स्टाफ के जाने से अस्पताल की ऑपरेशन सेवाओं पर असर पड़ सकता है.

अस्पताल के अधिकारी के मुताबिक, 2021 में कोरोना की लहर धीमी होने के बाद सरकार की ओर से सभी को हटाने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि उनकी जरूरत अस्पताल में नहीं थी. इसके बाद सभी पैरा मेडिकल स्टाफ के कर्मचारी केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चले गए थे. यहां उनको हटाने पर स्टे दे दिया गया, जिसके बाद उन्होंने काम जारी रखा.

हाल में कैट ने एक आदेश में अस्पताल प्रशासन के विवेक पर उनकी आगे की सेवाओं को छोड़ा था. उनके संबंध में वे निर्णय लेने को स्वतंत्र थे. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी को हटाने का निर्णय लिया है. हटाए गए पैरामेडिकल स्टाफ कर्मियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने ज्यादती की है. मंगलवार को हम निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ 51 कर्मियों को नहीं हटाया गया है, बल्कि 170 से अधिक फार्मासिस्ट को भी हटाया गया है. लेकिन, अस्पताल प्रशासन स्पष्ट नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थिएटर में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमारी संख्या नियमित कर्मचारियों से अधिक है और इससे कम से कम 10 ओटी प्रभावित होंगी. अस्पताल प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि 51 कर्मियों की सेवाएं समाप्त की हैं और यह कैट के आदेश के बाद किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त स्थायी कर्मचारी हैं और इनके जाने से सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि स्टाफ के जाने से सेवाओं पर असर पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में मरीज बड़ी संख्या में आते हैं. अस्पताल की क्षमता उतनी नहीं है. ऐसे में स्टाफ जाने से सेवाओं पर असर पड़ना लाजिमी है.

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