नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया है कि वह डेंगू की ब्रीडिंग पाए जाने पर पांच सौ रुपये की जुर्माना राशि को बढ़ाकर पांच हजार रुपये करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर जल्द फैसला करे. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वह दिल्ली के सभी 12 जोन में डेंगू के संबंधित सभी तथ्यों का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.
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दरअसल हाई कोर्ट इस मामले में पहले से स्वत: संज्ञान ले चुके मामले की सुनवाई कर रहा है. आज सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी रजत अनेजा ने कहा कि दिल्ली के कुछ जोन में पिछले तीन महीनों में डेंगू के मामलों में तीन सौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट दिल्ली में डेंगू के मामले की पिछले तीन सालों से मानिटरिंग कर रहा है. तब कोर्ट ने कहा कि कोर्ट मानिटरिंग कर रहा है तब डेंगू के मामलों में तीन सौ फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. अगर कोर्ट मानिटर नहीं कर रहा होता तो ये दर तीन हजार फीसदी होती.
पहले की सुनवाई के दौरान इस मामले के एमिकस क्यूरी रजत अनेजा ने कहा था कि मच्छरों के प्रकोप से निपटने के लिए नगर निगम और दूसरी एजेंसियों ने एक कॉमन प्रोटोकॉल बनाया है, लेकिन इसके बावजूद डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. कोर्ट ने संबंधित प्राधिकार को निर्देश दिया था कि वह उन अफसरों की सूची उपलब्ध कराए जिन्हें डेंगू से निपटने के लिए बनाए गए कॉमन प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए नोडल अफसर बनाया जा सके. बता दें कि हाईकोर्ट ने 2021 में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम को एक प्रोटोकॉल बनाने का निर्देश दिया था.
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