नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी शुक्रवार से लोकसभा कैंपेन की शुरुआत करने जा रही है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली दफ्तर में सीएम केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव कैंपेन को लॉन्च करेंगे. 'संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल' इस थीम स्लोगन के साथ आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेगी.
राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने इस बार दिल्ली-पंजाब में सोची समझी रणनीति के तहत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली में मिलकर और पंजाब में अलग-अलग होकर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. दिल्ली में आम आदमी पार्टी चार सीट नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर और कांग्रेस तीन सीट चांदनी चौक, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ेगी. आम आदमी पार्टी ने जहां दिल्ली की सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने अभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. हालांकि नाम तय करने को लेकर कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक हो चुकी है.
पंजाब में सभी 13 सीटों पर दोनों ही पार्टी अपने-अपने प्रत्याशियों को उतारेगी और दोनों पार्टियों ने वहां अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया है. गुजरात में दो सीटों भरूच और भावनगर पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह हरियाणा में 9 सीट पर कांग्रेस और एक सीट आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया. चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी, तो वहीं गोवा की सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. लोकसभा चुनाव 2024 के जरिए आदमी पार्टी पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना 'आप' के लिए चुनौती समान है.
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दिल्ली, पंजाब, गुजरात, और हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है कि वहां बेहतर संभावना है वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. इससे पहले साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. 2019 में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई थी. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसदी वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस को 22.6 फीसदी और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसदी वोट मिले थे.
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