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मेडिकल स्टूडेंट देवेश गर्ग की मौत का मामला, HOD और 2 प्रोफेसर समेत प्रबंधक कमेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज - Devesh Garg Death Case - DEVESH GARG DEATH CASE

Devesh Garg Death Case मेडिकल स्टूडेंट देवेश गर्ग की मौत के मामले में देहरादून पुलिस ने एचओडी, प्रोफेसर और प्रबंधन समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. छात्र के पिता ने आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 23, 2024, 8:08 PM IST

देहरादूनः राजधानी देहरादून के मशहूर मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी के खिलाफ पटेल नगर कोतवाली ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. पूरा मामला कॉलेज के बाल चिकित्सा छात्र (पीडियाट्रिक स्टूडेंट) के मौत से जुड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, रमेश चंद गर्ग निवासी जिला पलवल हरियाणा ने पटेल नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि, उन्होंने अपने 27 वर्षीय बेटे देवेश गर्ग का दाखिला पटेल नगर स्थित एक मशहूर मेडिकल कॉलेज में सितंबर 2023 में कराया. दाखिले के दौरान 37 लाख 95 हजार रुपए फीस जमा की थी. अक्टूबर 2023 से बेटा पढ़ाई के लिए कॉलेज में आ गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. 104 डिग्री बुखार पर भी 36 घंटे की शिफ्ट में काम कराया.

शिकायत में पिता रमेश चंद ने बताया, बेटे देवेश ने उन्हें बताया था कि एचओडी ने उसकी थीसिस को दो बार रिजेक्ट किया और पास करने के लिए 5 लाख रुपए की डिमांड की. इसके अलावा देवेश ने बताया था, एचओडी ने मरीजों के सामने उसका अपमान किया. जबकि देवेश ने एक प्रोफेसर पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात भी कही बताई थी.

इसके बाद देवेश ने 17 मई सुबह 10 बजे फोन करके कहा था कि 'मुझे ले जाओ, नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा'. हमने उसे आश्वासन दिया कि हम उसे अगले दिन लेने आएंगे. लेकिन 17 मई की रात एक फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को हेड ऑफ डिपार्टमेंट बताया और कहा कि, दिवेश को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. सूचना मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे तो उनके बेटे का शव मोर्चरी में रखा हुआ था.

पिता रमेश चंद का आरोप है कि जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद छात्रों का कहना था कि देवेश के कमरे की लाइटें 15 से 20 मिनट के लिए बंद कर दी गई थी. इस दौरान सभी सबूत मिटा दिए गए. पिता ने तहरीर देते हुए कहा कि उनके बेटे की मौत एक साजिश का नतीजा है.

वहीं, देवेश गर्ग की मौत के बाद सभी पीजी डॉक्टरों में आक्रोश है. सभी ने कार्रवाई की मांग को लेकर हॉस्पिटल में विरोध प्रदर्शन के साथ ही मरीजों का इलाज और अन्य काम भी नहीं किया.

पूरे मामले पर कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया, मृतक के पिता रमेश चंद गर्ग की तहरीर के आधार पर मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की जांच कर रही है.

ये भी पढ़ेंः AIIMS जीप ऑपरेशन: पुलिस ने बताया क्यों तीसरी मंजिल पर पहुंची गाड़ी, छेड़छाड़ के आरोपी की जमानत पर भड़के डॉक्टर्स

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देहरादूनः राजधानी देहरादून के मशहूर मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी के खिलाफ पटेल नगर कोतवाली ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. पूरा मामला कॉलेज के बाल चिकित्सा छात्र (पीडियाट्रिक स्टूडेंट) के मौत से जुड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, रमेश चंद गर्ग निवासी जिला पलवल हरियाणा ने पटेल नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि, उन्होंने अपने 27 वर्षीय बेटे देवेश गर्ग का दाखिला पटेल नगर स्थित एक मशहूर मेडिकल कॉलेज में सितंबर 2023 में कराया. दाखिले के दौरान 37 लाख 95 हजार रुपए फीस जमा की थी. अक्टूबर 2023 से बेटा पढ़ाई के लिए कॉलेज में आ गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. 104 डिग्री बुखार पर भी 36 घंटे की शिफ्ट में काम कराया.

शिकायत में पिता रमेश चंद ने बताया, बेटे देवेश ने उन्हें बताया था कि एचओडी ने उसकी थीसिस को दो बार रिजेक्ट किया और पास करने के लिए 5 लाख रुपए की डिमांड की. इसके अलावा देवेश ने बताया था, एचओडी ने मरीजों के सामने उसका अपमान किया. जबकि देवेश ने एक प्रोफेसर पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात भी कही बताई थी.

इसके बाद देवेश ने 17 मई सुबह 10 बजे फोन करके कहा था कि 'मुझे ले जाओ, नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा'. हमने उसे आश्वासन दिया कि हम उसे अगले दिन लेने आएंगे. लेकिन 17 मई की रात एक फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को हेड ऑफ डिपार्टमेंट बताया और कहा कि, दिवेश को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. सूचना मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे तो उनके बेटे का शव मोर्चरी में रखा हुआ था.

पिता रमेश चंद का आरोप है कि जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद छात्रों का कहना था कि देवेश के कमरे की लाइटें 15 से 20 मिनट के लिए बंद कर दी गई थी. इस दौरान सभी सबूत मिटा दिए गए. पिता ने तहरीर देते हुए कहा कि उनके बेटे की मौत एक साजिश का नतीजा है.

वहीं, देवेश गर्ग की मौत के बाद सभी पीजी डॉक्टरों में आक्रोश है. सभी ने कार्रवाई की मांग को लेकर हॉस्पिटल में विरोध प्रदर्शन के साथ ही मरीजों का इलाज और अन्य काम भी नहीं किया.

पूरे मामले पर कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया, मृतक के पिता रमेश चंद गर्ग की तहरीर के आधार पर मेडिकल कॉलेज के एचओडी, दो प्रोफेसर और प्रबंधक कमेटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की जांच कर रही है.

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