देहरादून में दीपावली पर 'धनवर्षा', व्यापारियों की हुई चांदी, लोगों ने जमकर की शॉपिंग, ऐसा रहा बाजार - DEHRADUN DIWALI SALE
देहरादून में खास रही दिवाली. पिछले साल से 15 से 20 फीसदी ज्यादा हुआ कारोबार, महंगाई के बावजूद सर्राफा कारोबार में 10 फीसदी का उछाल
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 3, 2024, 1:50 PM IST
|Updated : Nov 3, 2024, 6:33 PM IST
देहरादून: दीपावली का त्योहार व्यापारियों के लिए एक बड़ा अवसर होता है. यही वजह है कि इस त्योहार को लेकर व्यापारी वर्ग लंबे समय से इंतजार करते हैं. साथ ही उन्हें एक उम्मीद रहती है कि इस त्योहार के दौरान उनकी कमाई ज्यादा होगी. क्योंकि, त्योहार को लेकर लोग बढ़-चढ़ खरीदारी करते हैं.
लिहाजा, व्यापारियों के लिए ये दीपावली का त्योहार बेहद खास मानी जा रहा है. क्योंकि, इस बार दीपावली दो दिन का होने की वजह से व्यापारियों को इससे काफी फायदा पहुंचा है. आखिर व्यापारियों के लिहाज से कैसा रहा ये त्यौहार, बाजारों में उमड़ी भीड़ से व्यापारियों को कितना हुआ फायदा? ये जानते हैं.
पिछले साल से 15 से 20 फीसदी ज्यादा हुआ व्यापार: दीपावली के दौरान हर साल हजारों करोड़ रुपए का व्यापार देशभर में होता है. धनतेरस के दिन सोने-चांदी की खरीदारी करते हैं. साथ ही त्योहार को लेकर नए वाहन, नए कपड़े, मिठाई की भी जमकर खरीदते हैं. इस त्योहार पर हर वर्ग के लोग अपनी बजट के अनुसार खर्च करते हैं, लेकिन इस बार की यह दीपावली राजधानी देहरादून के व्यापारियों के लिए बेहद खास रही है.
क्योंकि, सोने-चांदी, कपड़े, ऑटोमोबाइल, मिठाई से जुड़े व्यापारियों के अनुसार पिछले साल दीपावली की तुलना में इस साल करीब 15 से 20 फीसदी ज्यादा का व्यापार हुआ है. यानी इस दिवाली के दौरान लोगों ने बढ़ चढ़कर खरीदारी की है, जिससे व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं.
इस दिवाली में ऑनलाइन शॉपिंग का ज्यादा असर बाजारों में देखने को नहीं मिला. क्योंकि, दीपावली को लेकर बाजारों में इस बार काफी ज्यादा भीड़ देखी गई, जो इस ओर इशारा कर रही है कि लोग ऑनलाइन के बजाए ऑफलाइन दुकानों में जाकर सामान खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. हालांकि, छोटे दुकानदारों पर असर जरूर पड़ा है.
क्योंकि, तमाम बड़े प्रोविजन स्टोर या फिर ग्रॉसरी स्टोर्स मौजूद हैं. जहां पर सभी चीज एक जगह पर ही उपलब्ध है. जिसके चलते लोग अलग-अलग दुकानों पर जाकर सामान खरीदने के बजाय बड़े स्टोर्स पर जाकर एक साथ ही शॉपिंग करते दिखाई दिए. कुल मिलाकर कहें तो बड़े दुकानदारों की इस बार चांदी हो गई. जबकि छोटे दुकानदारों पर इसका थोड़ा असर देखने को मिला है.
सर्राफा कारोबार में 10 फीसदी का उछाल: देहरादून सर्राफा मंडल के अध्यक्ष सुनील मेसोन ने बताया कि सर्राफा व्यापार में ऑनलाइन का ज्यादा इंपैक्ट नहीं पड़ता है. हालांकि, लोग ऑनलाइन भी खरीदते हैं, लेकिन सामान्य रूप से लोग लोकल सोनार से सामान लेना ज्यादा पसंद देते हैं. क्योंकि, सोना काफी महंगा होता है, जिसके चलते वो सामने देख करके ही खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.
उन्होंने बताया कि इस दिवाली पर सर्राफा व्यापार का कारोबार काफी अच्छा रहा है. धनतेरस के दिन सोने- चांदी की खरीदारी करना काफी शुभ माना जाता है. यही वजह रहा कि लोगों ने जमकर खरीदारी की. पिछले साल की तुलना में इस साल व्यापार में 10 फीसदी की उछाल देखी गई है. जबकि, सोने-चांदी के दाम पिछले साल की तुलना में बढ़े हैं, लेकिन इसका कोई भी असर नहीं देखने को मिला.
क्या बोले दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष? वहीं, दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने बताया कि अगर ऑनलाइन व्यापार नहीं होता तो इस दीपावली सीजन में पिछली साल की तुलना में 100 फीसदी व्यापार बढ़ जाता. हालांकि, ऑनलाइन व्यापार होने के चलते भी इस बार पिछली दीपावली की तुलना में 15 से 20 फीसदी का उछाल देखा गया है. साथ ही कहा कि इस बार दीपावली सीजन में ऑनलाइन व्यापार ज्यादा नहीं हुआ है.
जबकि जो बड़े स्टोर हैं, उनकी सेल काफी ज्यादा हुई है. जिसका असर छोटे दुकानदारों पर जरूर पड़ा है. क्योंकि, लोग बड़े स्टोर्स में बड़ी संख्या में सामान खरीदने पहुंचे, लेकिन छोटे दुकानदारों पर ध्यान नहीं दिया गया. इसका एक असर ये भी है कि बड़े स्टोर्स में सभी चीज एक ही जगह पर उपलब्ध है. जिसके चलते लोग जगह-जगह घूमने के बजाय एक ही स्टोर में जाकर शॉपिंग करना पसंद कर रहे हैं.
मिठाई के कारोबार में तगड़ा उछाल: देहरादून हलवाई समिति के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने बताया कि मिठाइयों के व्यापार में पिछले साल की तुलना में 20 से 25 फीसदी का ज्यादा रिस्पांस देखा गया. लोगों में एक बार फिर लोकल मिठाइयों को लेकर विश्वास ज्यादा देखा गया है.
उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार हमारी पारंपरिक मिठाइयों बालूशाही, बेसन के लड्डू, आटे के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू और काजू बर्फी की डिमांड काफी ज्यादा रही है. इस साल ड्राई फ्रूट्स के रेट काफी ज्यादा रहे, जिसके चलते भी ड्राई फ्रूट्स पर लोगों का फोकस काफी कम रहा. जबकि, लोगों ने जमकर मिठाइयों की खरीदारी की है.
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