जयपुर. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए महिलाओं की राजनीति में भागीदारी का सपना देखा जा रहा है. हालांकि, जिस तरह से लोकसभा में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दलों ने टिकट बांटे हैं, उसे देख ऐसा लगता है कि अभी महिलाओं को और इंतजार करना पड़ेगा. जब तक कानून धरातल पर नहीं आ जाता महिलाओं की भागीदारी नहीं बढ़ सकती. इसकी वजह है लोकसभा में बांटे गए टिकट. अब तक कांग्रेस ने 10 और बीजेपी ने 15 नामों की लिस्ट जारी की है, जिसमें एक-एक सीट पर महिला को प्रत्याशी बनाया है. इसमें बीजेपी ने नागौर से ज्योति मिर्धा को तो कांग्रेस ने संजना जाटव को भरतपुर से उम्मीदवार बनाया है.
विधानसभा में मात्र 10 फीसदी टिकट : केंद्र की मोदी सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए महिलाओं को 33 फीसदी राजनीति में आरक्षण की बात सुनिश्चित की. इससे आस जगी कि परिसीमन से पहले होने वाले चुनाव में उसकी छाया दिखाई देगी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से मात्र 10 फीसदी ही महिलाओं की टिकट दिए गए. भाजपा ने मात्र 20 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने 28 महिलाओं को. इसके साथ ही दो महिलाएं निर्दलीय के तौर पर मैदान में थीं, यानी 200 विधानसभा सीटों पर 50 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं. वहीं, इन 50 में से सिर्फ 20 महिलाओं ने जीत हासिल की है. महिला विधायकों में 9 बीजेपी और 9 कांग्रेस की हैं, जबकि दो निर्दलीय हैं. 2018 के चुनावों में 23 महिला विधायक थीं, जबकि साल 2013-2018 में 28 महिला विधायक थीं. इस लिहाज से 200 सदस्यीय सदन में महिलाओं की ताकत 10 प्रतिशत के करीब है, जो काफी कम है.
विधानसभा चुनाव 2023- ये महिलाएं जीतीं : भाजपा की बात करें तो वसुंधरा राजे झालरापाटन से, दीया कुमार विद्याधर नगर से, नौक्षम चौधरी कामां से, अनिता भदेल अजमेर दक्षिण से, दीप्ति किरण माहेश्वरी राजसमंद से, सिद्धि कुमारी बीकानेर पूर्व से, डॉ. मंजू बाघमार जायल से, कल्पना देवी लाडपुरा से, शोभा चौहान सोजत से जीती हैं. इसी तरह से कांग्रेस पार्टी की बात करें तो शीमला देवी अनूपगढ़ से, अनिता जाटव हिंडौन से, रमिला खड़िया कुशलगढ़ से, शिखा मील बराला चोमूं से, सुशीला रामेश्वर डूडी नोखा से, इंदिरा बामनवास से, गीता बरबड़ भोपालगढ़ से, रीटा चौधरी मंडावा से, शोभारानी कुशवाह धौलपुर से, जबकि निर्दलीय के तौर पर डॉ. ऋतु बनावत बयाना से और प्रियंका चौधरी बाड़मेर से जीत कर आईं हैं.
2019 में इन्हें मिले टिकट : ऐसा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट नहीं दिया गया हो. पिछले 2019 लोकसभा चुनाव को देखें तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का मिलाकर देखें तो सिर्फ 7 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया गया, यानी 10 फीसदी. इसमें बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटों पर महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. बीजेपी की ओर से रंजीता कोली भरतपुर से, जसकौर मीणा दौसा से और दीया कुमारी राजसमंद से मैदान में थीं. वहीं, कांग्रेस पार्टी की तरफ से कृष्णा पूनिया जयपुर ग्रामीण से, ज्योति खंडेलवाल जयपुर शहर से, सविता मीणा दौसा से, ज्योति मिर्धा नागौर से उम्मीदवार थीं. हालांकि इनमें से 3 सीटों पर भाजपा से रंजीता कोली, जसकौर मीणा और दीया कुमारी की जीत हुई.
2014 में इन्हें दिया टिकट : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संतोष अहलावत को झुंझुनू से प्रत्याशी बनाया था. वहीं, कांग्रेस ने राजबाला ओला को झुंझुनू से, डॉ. ज्योति मिर्धा को नागौर से, मुन्नी देवी गोदारा को पाली से, चन्द्रेश कुमारी को जोधपुर से, रेशम मालवीय को बांसवाड़ा से और गिरिजा व्यास को चित्तौड़गढ़ से उतारा था. इसमें भाजपा प्रत्याशी संतोष अहलावत ने जीत हासिल की थी.
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2009 में इन्हें दिया टिकट : वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डॉ. किरण यादव को अलवर से, किरण माहेश्वरी को अजमेर से, बिंदु चौधरी को नागौर से उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को नागौर से, चन्द्रेश कुमारी को जोधपुर से, संध्या चौधरी को जालोर से, गिरिजा व्यास को चित्तौड़गढ़ से और उर्मिला जैन भाया को झालावाड़-बारां से प्रत्याशी बनाया था. इनमें कांग्रेस की ज्योति मिर्धा, चन्द्रेश कुमारी और गिरिजा व्यास ने जीत हासिल की थी.
2004 में इन्हें दिया टिकट : वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संतोष अहलावत को झुंझुनू से, जसकौर मीणा को सवाई माधोपुर से, किरण माहेश्वरी को उदयपुर से, बी. सुशीला को जालोर से मैदान में उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने गिरिजा व्यास को उदयपुर से प्रत्याशी बनाया था. इनमें भाजपा की किरण माहेश्वरी और बी. सुशीला ने जीत हासिल की थी.
1999 में इन्हें दिया टिकट : वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे को झालावाड़ से, जसकौर मीणा को सवाई माधोपुर से मैदान में उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने गिरिजा व्यास को उदयपुर से, प्रभा ठाकुर को अजमेर से, महेन्द्र कुमारी को अलवर से और ऊषा मीणा को सवाई माधोपुर से प्रत्याशी बनाया था. इनमें कांग्रेस की गिरिजा व्यास, भाजपा की वसुंधरा राजे और जसकौर मीणा ने जीत हासिल की थी.