नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बीजेपी नेता राजीव बब्बर की ओर से अग्रवाल मतदाताओं के 'नाम कटवाने' का आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है. जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने ये फैसला सुनाया. याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही मानहानि मामले की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी, जिसे भाजपा दिल्ली नेता राजीव बब्बर ने शुरू किया था. दरसअल, अरविंद केजरीवाल की तरफ से अग्रवाल मतदाताओं के 'नाम कटवाने' का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद बीजेपी नेता राजीव बब्बर की तरफ से मानहानि के मामला दायर किया गया था. इस पर जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने फैसला सुनाया.
इससे पहले हाईकोर्ट ने 28 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल हाईकोर्ट 28 फरवरी, 2020 को इस मामले पर ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. वहीं 28 जनवरी, 2020 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल समेत चार आप नेताओं के खिलाफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी.
बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने कोर्ट में याचिका दायर कर चारों के खिलाफ दिल्ली में मतदाता सूची से अग्रवाल मतदाताओं के 'नाम कटवाने' का आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है. 16 जुलाई, 2019 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को जमानत दी थी. राजीव बब्बर ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लोगों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया. इसके बाद दिल्ली में अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के खिलाफ आपराधिक मानहानि की याचिका दायर की गई. याचिका में केजरीवाल के अलावा आतिशी, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया है.
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बता दें कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी के नेताओं और खुद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा ने दिल्ली के कुल 8 लाख अग्रवाल वोटरों में से 4 लाख के नाम क्यों कटवाए, जवाब दीजिए. भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी जैसी गलत नीतियों की वजह से व्यापारियों के धंधे चौपट हो गए. इसलिए वे इस बार भाजपा को वोट नहीं दे रहे. तो क्या इसका मतलब आप उनके वोट कटवा दोगे? ऐसे जीतोगे?
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