रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान सीतापुर जेल में बंद है. एक मामले में उनको हाईकोर्ट से जमानत तो मिली, लेकिन जेल से बाहर निकलने के आसार नजर नहीं आ रहे. क्योंकि रामपुर के डूंगरपुर प्रकरण उनका पीछा नहीं छोड़ रहा. समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में डूंगरपुर गांव में दर्जनों मकान जबरन खाली करा कर तोड़ दिए गए थे.
यह घटना 6 दिसंबर 2016 की थी, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद 2019 में आजम खान और तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक आले हसन खान सहित कई लोगों पर लूटपाट, जबरन मकान खाली कराने और ढहाए जाने को लेकर कई एफआईआर दर्ज कराई गई थीं. जिनमें से दो मुकदमों में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को सजा सुनाई. इसमें एक में सात वर्ष और दूसरे में 10 वर्ष की सजा सुनाई गई. जबकि एक मुकदमे में वह बरी हो गए थे.
ऐसा ही एक मामला रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है, जिसमें फैसले के लिए 10 तारीख लगाई गई है. जिला शासकीय अधिवक्ता एमपी-एमएलए कोर्ट सीमा राणा ने बताया कि यह मामला थाना गंज में पंजीकृत कराया गया था. वादी गुड्डू ने आरोप लगाए गए थे कि पत्नी के साथ अभद्रता की गई. घर में घुसकर मारपीट करने के साथ मकान को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. सामान लूटपाट कर अभियुक्त ले गए.
इसमें आरोपी 6 लोग हैं. जिसमें मोहम्मद आजम खान, बरकत अली ठेकेदार, इमरान, इकराम और सज्जाद हैं. इसमें सज्जाद की मृत्यु हो चुकी है. अभियोजन और डिफेंस की बहस कंप्लीट हो चुकी है. कल 8 जून को अभियोजन को जवाब देना है. फैसले की तारीख 10 जून लगाई गई है.